जलियांवाला बाग नरसंहार : शहीद होने वाले लोगों की संख्या को लेकर रहस्य अभी भी बरकरार

अमृतसर, 13 मार्च (सुरेन्द्र कोछड़) : जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को हुए नरसंहार में कितने लोग मारे गए और कितने घायल हुए, यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। इस बारे में अंग्रेज़ी सरकार के बाद स्वतंत्र भारत की किसी भी सरकार द्वारा कोई निष्पक्ष जांच नहीं करवाई गई। गौरतलब है कि उक्त नरसंहार के तुरंत बाद लाहौर में पंजाब के लैफ्टीनैंट गवर्नर माइकल ओडवायर ने भेजी अपनी रिपोर्ट में जनरल रिनाल्ड एडहरड हैरी डायर ने 200 से 300 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की थी। जबकि माइकल ओडवायर ने आगे भेजी अपनी रिपोर्ट में मरने वालों की गिनती 200 ही बताई। गृह मंत्रालय विभाग (1919), नं. 23, डी,आर.2 में  चीफ सैक्रेटरी जे.बी. थॉम्स और एच.डी. करेक ने 290 लेगों के मारे जाने की पुष्टि की, जबकि सेना की रिपोर्ट में बताया गया कि जलियांवाला बाग में 200 से कम लोग मारे गए थे। अधिकारिक तौर पर इस कत्लेआम में 381 लोगों के मारे जाने और 1208 के घायल होने की पुष्टि की गई। अमृतसर सेवा समिति ने बाद में मरने वालों की संख्या 501 बताई। स्वामी शरदानंद ने अमृतसर पहुंचकर आंकड़ों का जायज़ा लिया और मरने वालों की संख्या 1500 से ज्यादा बताई, जबकि पंडित मदन मोहन मालवीया के अनुमान अनुसार जलियांवाला बाग में लगभग 1300 लोग मारे गए।