हलका पटियाला लोकसभा क्षेत्र से चार प्रमुख गुटों में होगा मुकाबला

पटियाला, 14 मार्च (गुरप्रीत सिंह चट्ठा): चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों की तिथियों की घोषणा के पश्चात चुनावी मैदान गर्माना शुरू हो गया है। हालांकि लोकसभा क्षेत्र पटियाला से चुनावी के लिए सभी पार्टियों द्वारा प्रत्याशियों की औपचारिक घोषणा नहीं की गई परन्तु संभावित प्रत्याशी ने अपने कमर कसी हुई है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह का घरेलू जिला होने के कारण लोकसभा क्षेत्र पटियाला की महत्ता पंजाब की राजनीति में ज्यादातर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस क्षेत्र से हालांकि तीन बार परनीत कौर कांग्रेसी उम्मीदवार के रूप में लगातार विजयी होने के कारण यहां से मजबूत उम्मीदवार मानी जाती थी परन्तु 2014 के चुनावों में मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी से डा. धर्मवीर गांधी ने 20 हज़ार वोटों से परनीत कौर को ऐसे मात दी जिसने यहां के पारम्परिक राजनीतिक समीकरण ही बदल दिए। इस क्षेत्र से भले ही 2014 में 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे परन्तु मुख्य मुकाबला कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल एवं आप में ही रहा था परन्तु इस बार डा. धर्मवीर गांधी द्वारा आप से अलग होकर पंजाब जम्हूरी गठबंधन द्वारा चुनाव लड़ा जाना है और अब यह मुकाबला चार प्रमुख गुटों में होगा। 2014 के आंकड़ों पर यदि नजर दौड़ाई जाए तो क्षेत्र पटियाला की 2014 में कुल 1120990 वोटों में परनीत कौर को 344729 वोटें पड़ी थी जो कुल वोटों का 30.75 प्रतिशत हिस्सा बनता है। डा. गांधी के पक्ष में 365671 वोटें भुगती थीं। जोकि 32.62 प्रतिशत कुल वोटों का हिस्सा बनता है। इस तरह डा. गांधी ने परनीत कौर को 20492 वोटों से मात दी थी। इसके अतिरिक्त तीसरी मुख्य पार्टी शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार दीपइन्द्र सिंह ढिल्लों को 340109 वोटें पड़ीं जोकि कुल वोटों का 30.34 प्रतिशत हिस्सा बनता है। इसके अतिरिक्त शेष उम्मीदवारों को पड़ी कुल वोटें मिलाकर 3.37 प्रतिशत बनती हैं। इस बार फिलहाल औपचारिक रूप से पंजाब जम्हूरी गठबंधन द्वारा डा. धर्मवीर गांधी को उम्मीदवार घोषित किया गया है। शिरोमणि अकाली दल के संभावित उम्मीदवार सुरजीत सिंह रखड़ा की स्वच्छ, ईमानदार एवं पार्टी के प्रति वफादारी वाली छवि उनके लिए चुनावों में काफी लाभदायक सिद्ध हो सकती है। इस तरह कांग्रेस के संबाति उम्मीदवार परनीत कौर के मीठे एवं सामाजिक सरोकार रखने वाली छवि, बड़े बुजुर्गों द्वारा बसाए पटियाला के लोगों की पारम्परिक सोच वाली छूट जहां उनके लिए चुनाव में सकारात्मक कारण है वहीं राज्य में कांग्रेस की सरकार एवं उनके पति का मुख्यमंत्री होना भी इनके लिए लाभदायक है। दूसरी ओर अकाली दल के आप पार्टी की विश्वसनीयता को लगी ठेस भी प्रनीत कौर के पल्ले को भारी करने में अहम भूमिका अदा कर सकती है।