परीक्षा फीसों में वृद्धि करने के बावजूद : ड्यूटी स्टाफ व पेपर चैक करने वाले अध्यापकों को मेहनताना देने से शिक्षा बोर्ड ने किया इंकार

संगरूर, 17 मार्च (धीरज पशौरिया) : 10वीं तथा 12वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा फीसों में लगातार वृद्धि करने के बावजूद पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षा केन्द्रों में ड्यूटी करने वाले स्टाफ तथा 10वीं तथा 12वीं के पेपर चैकर करने वाले अध्यापकों को पिदले दो वर्ष से मेहनताना देने से इंकारी है। उल्लेखनीय है कि हर वर्ष 6 लाख के करीब छात्र 10वीं तथा 12वीं की परीक्षाओं में भाग लेते हैं, 12वीं कक्षा के छात्रों से प्रति छात्र करीब 1500 रुपए तथा दसवीं के छात्र से प्रति छात्र 1250 रूपए के करीब परीक्षा फीस वसूल कर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड करोड़ों रूपए हर वर्ष फीस के रूप में एकत्रित कर रहा है परंतु शिक्षा बोर्ड ने पिछले वर्ष से ड्यूटी स्टाफ तथा पेपर चैकर करने वाले अध्यापकों को मेहनताना देने से इंकार कर दिया है। अध्यापकों नेताओं फकीर सिंह टिब्बा, हरजीत सिंह गलवटी, बलवीर चंद लौंगोवाल, अनिल गोयल तथा जोतिन्द्र जोती का कहना है कि पिछले वर्ष से परीक्षा केन्द्रों में सुपिरिटैडैंट तथा डिप्टी सुपिरिटैडैंट दूसरे स्कूलों से भेजे जाते हैं जबकि बाकी का ड्यूटी स्टाफ उसी स्कूल में लगाया जाता है। केवल सुपिरिटैडैंट को सिर्फ 75 रुपए प्रति दिन मेहनताने के रूप में दिए जाते हैं जबकि परीक्षा को उचित रूप में शुरू करवाने से लेकर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के ज़िला डिपू तक पेपर जमा करवाने की अनेकों ज़िम्मेदारियां सुपरिटैडैंट को निभानी पड़ती हैं। परीक्षा केन्द्र के सुपिरिटैडैंट को 75 रूपए मेहनताना देकर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड उससे मजाक कर रहा है। पहले 10वीं तथा 12वीं की उत्तर कापियां चैक करने के लिए अध्यापकों को प्रति पेपर 5 रूपए दिए जाते थे परंतु पिछले वर्ष से विभिन्न स्कूलों में टेबल मार्किंग केन्द्र बनाए जाते हैं जहां साथ लगते स्कूलों के अध्यापकों को पेपर चैक करने के लिए बुलाया जाता है। पेपर चैक करने के बाद छात्र के प्राप्त अंकों को ऑनलाईन करने की जिम्मेदारी भी संबंधित अध्यापक की ही होती है। इस काम बदले बोर्ड ने अध्यापकों को मेहनताना तो क्या देना था, बल्कि पेपर मार्किंग में हुई देरी बदले जुर्माना वसूला जाता है तथा ऑनलाईन या मार्किंग में अनजाने में हुई गलती कारण, कारण बताओ नोटिस का सामना करना पड़ता है।