बंदी सिंहों की रिहाई : हवारा के दिशा-निर्देश पर नाभा जेल के बाहर धरना

नाभा, 17 मार्च (अमनदीप सिंह लवली) : नवम्बर 2015 में ज़िला अमृतसर के चबा में सरबत खालसा में 6 से 7 लाख के इकटठ् में श्री अकाल तख्त साहिब के सर्वसम्मति से चुने गए जत्थेदार भाई जगतार सिंह हवारा की तरफ  से बनाई पांच सदस्यीय कमेटी एडवोकेट अमर सिंह चाहल, भाई नरायण सिंह चौड़ा, प्रो. बलजिंदर सिंह, भाई जसपाल सिंह, मास्टर संतोख सिंह के नेतृत्व में जत्थेदार हवारा के दिशा-निर्देशों पर नाभा की कड़ी सुरक्षा वाली जेल के बाहर प्रभावशाली धरना राज्य पंजाब और अन्य राज्य की जेल में बंद बंदी सिंहों की रिहाई भारत सरकार की साम्प्रदायिक सोच के अधीन दोहरे मापदंड इस्तेमाल कर सिंहों को जान-बूझकर अनियमितता करते रिहा न करने के खिलाफ  समूह सिक्ख जत्थेबंदियों द्वारा दिया गया। बातचीत दौरान पांच सदस्य कमेटी ने सांझे तौर पर कहा कि कैप्टन सरकार की तरफ  से बादल भाजपा सरकार की तरह बंदी सिंहों की रिहाई बारे क्लीन चिट केन्द्र सरकार को नहीं भेज रही। बरगाड़ी मोर्चे की समाप्ति समय जो मांगे मौजूदा सरकार के 2मंत्रियों ने पुरा करने का वादा किया था उसे पूरा नहीं किया गया न ही बाहर के राज्य में से पंजाब में किसी बंदी सिंह को तबदील किया गया। उन्होनें दोष लगाया कि बहबल कलां गोली कांड में शहीद हुए 2 सिंहों के केस में विशेष जांच टीम को कैप्टन सरकार और बादल की मिलीभुगत के कारण निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ काम करने नहीं दिया जा रहा। आई.जी. परमराज सिंह उमरानंगल को 302 के अंतर्गत पकड़े जाने के बावजूद भी जमानत पर रिहा किया जाना भी इस बात का प्रतीक है कि अदालतों पर राजनैतिक प्रभाव है। पांच सदस्य कमेटी और समूह उपस्थित सिंहों ने एलान किया कि सिंहों के साथ हो रही बेइंसाफी संबंधी एक वफद जल्दी ही यू.एन.ओ. को मांग पत्र देने जाएगा। शिरोमणी कमेटी की तरफ  से निरस्त किए पांच प्यारे साहिबान सतनाम सिंह खंडा के नेतृत्व में धरने में उपस्थित हुए। इस मौके महावीर सिंह सुलतानविंड, बापू गुरचरन सिंह, जत्थेदार ज्ञानी जगतार सिंह, लखा सिधाना, भाई रणजीत सिंह दमदमी टकसाल, बगीचा सिंह समाना, चरनजीत सिंह प्रिंसिपल लुधियाना, मोहन सिंह पटियाला, भाई हरजिंदर सिंह माझी मुख्य सेवक दरबार -ए -खालसा, पंजाब सिंह, भाई हरजीत सिंह, बलबीर सिंह पी.ए. ज्ञानी जगतार सिंह हवारा, मनप्रीत सिंह, सुरिंदरपाल सिंह तालिबपुरा, रणजीत सिंह अमृतसर के इलावा बहुसंख्यक में अलग -अलग सिक्ख जत्थेबंदियों के नेता उपस्थित थे।