परीक्षा प्रबंधों की निकली हवा : हजारों अध्यापक 4-4 जगह डयूटी करने के लिए मजबूर

फाज़िल्का, 17 मार्च(दविन्द्र पाल सिंह): शिक्षा सचिव पंजाब बेशक विभाग में नए नए तजुर्बे करके विभाग को अपनी इच्छानुसार चलाने की कोशिश कर रहे हैं, मगर उनकी सहयोगी टीम कई ऐसे फार्मूले बनाकर आगे रखती है। जिससे सुधार होने की बजाए विरोध शुरू हो जाता है। 8वीं कक्षा का एक पेपर लीक हो चुका है। दूसरे पेपर में बड़ी कुताही हैं। 10वीं व 12वीं कक्षा के पेपर भी लीक होने के समाचार आए हैं। रोजाना परीक्षा अमला बदला जा रहा है। जिस कारण अध्यापक बड़ी मुश्किल में से गुजर रहे हैं। वहीं परीक्षा प्रबंधों की भी हवा निकलती जा रही है। 10वीं व 12वीं कक्षा में पंजाब बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हैं। इस बार परीक्षा केन्द्र के सभी सुपरिंटैंडैंट, लैक्चरार लगाए गए हैं। इसके अलावा सभी आब्जर्वर, कंट्रोलर विजीलैंस भी लैक्चरार हैं। विभाग के पास 10 से 11 हजार लैक्चरार हैं। करीब 90 प्रतिशत परीक्षा डयूटी पर हैं। अब शिक्षा सचिव के नए आदेश हैं। सभी लैक्चरार 12वीं कक्षा की उत्तर पत्री भी चैक करें, मार्च माह तो परीक्षा में निकल जाएगा। मगर हर मार्केटिंग केन्द्र से कंट्रोलरों का फरमान है कि 400-400 पेपर चैक करो, 31 मार्च तक 11वीं का परिणाम भी घोषित करना है। अधिकांश लैक्चरार चुनावी डयूटी भी कर रहे हैं। अगर मास्टर केडर की बात करें तो उन्हें भी 10वीं के विषय अनुसार परीक्षा लेनी भी पड़ेगी। चैक भी करने पड़ेंगे। 5वीं की परीक्षा भी लेनी होग, 6, 7 व 8वीं के परिणाम भी 31 मार्च तक तैयार करने हैं। इस स्थिति में अध्यापक 4-4 डयूटियां एक समय में कैसे दें सकेंगे। शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के ध्यान में मामला होने के बावजूद कोई कार्रवाही नहीं हुई। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन और उप-चेयरमैन का आपसी ग्रहयुद्ध भी परीक्षा प्रबंधों की हवा निकाल रहा है। क्योंकि दोनों पदाधिकारी परीक्षा प्रबंधों को छोड़ अपनी धौंस जमाने में लगे हैं। बोर्ड व शिक्षा विभाग के बीच तालमेल की कमी के कारण कभी अध्यापकाें को बोर्ड डयूटी भेज रहा है और वह कर्मचारियों को शिक्षा विभाग भी खींच रहा है। शिक्षा सचिव को इस काम के लिए बढ़िया योजनाबंदी करनी चाहिए नहीं तो शिक्षा विभाग का अकस और भी खराब होगा।