वायु प्रदूषण पर एनजीटी का कड़ा रुख : पंजाब सहित 6 राज्यों को नोटिस

नई दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) : राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 6 राज्यों को निर्देश दिया है कि वह वायु गुणवत्ता को तय स्तर के भीतर लाने संबंधी अपनी कार्य योजना 30 अप्रैल तक उसे सौंपें। ऐसा नहीं करने की स्थिति में प्रत्येक राज्य को बतौर पर्यावरण मुआवज़ा एक-एक करोड़ रुपए देने होंगे। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने असम, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड और नगालैंड की सरकारों के मुख्य सचिवों को आदेश दिया है कि वे तय समय सीमा में अपनी कार्य योजना सौंपें। इस पीठ में न्यायमूर्ति गोयल के अलावा न्यायमूर्ति एस. पी. वांगड़ी और न्यायमूर्ति के. रामकृष्णन भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि जिन राज्यों की कार्य योजनाओं में कमियां हैं और जिनकी कमियां 30 अप्रैल, 2019 तक दूर नहीं की जा रही हैं, उन्हें 25-25 लाख रूपये देने होंगे। वहीं कार्य योजना को अंतिम तिथि से 6 महीने के भीतर लागू करना होगा। पीठ ने कहा कि ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बजटीय प्रावधान किए जाने चाहिए। अधिकरण मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को करेगा।