श्री हरिमंदिर साहिब के सुनहरी परिसर को प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचाने हेतु : कारगर सिद्ध हो रहे हैं शिरोमणि कमेटी के प्रयास

अमृतसर, 18 मार्च (हरमिन्द्र सिंह): ज्यादा बढ़ रहे प्रदूषण के दुष्प्रभाव से श्री हरिमंदिर साहिब के सुनहरी परिसर को बचाना समय की मुख्य ज़रूरत है, इस सम्बन्धी बहुत से प्रयास हालांकि किए गए हैं परन्तु श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए बहुत से प्रयास ओर करने अभी शेष हैं। इन प्रयासों में से शिरोमणि कमेटी द्वारा प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए कुछ प्रयासों से विगत दो महीनों में प्रदूषण की औसतन दर में मामूली सी गिरावट आई है परन्तु सरकारी एवं धार्मिक रूप से बहुत सारे प्रयास करने अभी आवश्यक है जो प्रदूषण की दर में ओर भी गिरावट लाने के लिए कारगर साबित हो सकते हैं। गुरु नगरी अमृतसर में श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन करने हेतु प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक देश-विदेश से इस स्थान पर पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की इतनी बड़ी आमद एवं वाहनों में निकलने वाले धुएं एवं ध्वनि प्रदूषण में बड़े स्तर में वृद्धि हो रही है। ऐसे में शिरोमणि कमेटी द्वारा प्रदूषण क ोरोकने के लिए 2006 से प्रयास किए जा रहे हैं परन्तु अभी भी बहुत सारे प्रयासों की ज़रूरत है। शिरोमणि कमेटी द्वारा प्रदूषण की रोकथाम के लिए श्री हरिमंदिर साहिब के चौगिर्दे को हरा-भरा बनाने एवं सराय के पास मोटर वाहनों का दाखिला बंद किए जाने से प्रदूषण की दर में कमी आई है। एक रिपोर्ट अनुसार 1 जनवरी 2019 को हवा में पी.एम. 10 कणों की मात्रा 204.33 यू.जी./ एम 3, पी.एम. 3 कणों की 91.87 यू.जी./एम 3, इसके अतिरिक्त सल्फर डाईआक्साईड 3.47 यू.जी./एम 3, नाइट्रोन आक्साईड 25.83 यू.जी/ एम 3 दर्ज की गई थी। इस सारे महीने में हवा प्रदूषण में आए उतार चढ़ाव दौरान औसतन हवा में प्रदूषण की दर क्रमश: 94.47, 45.04, 4.45 एवं 22.33 यू.जी./ एम 3, दर्ज किया गया। इसके पश्चात 28 फरवरी में यह प्रदूषण क्रमश: 92.50, 46.4, 4.93, 13.88 यू.जी/एम 3 दर्ज किया गया है। शिरोमणि कमेटी द्वारा हवा में प्रदूषण की आई कमी के लिए किए प्रयासों को कारगर बताते हुए शिरोमणि कमेटी के मुख्य सचिव डा. रूप सिंह ने बताया कि शिरोमणि कमेटी श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास को हरा-भरा बनाने के लिए 2006 में प्रयास शुरू किया गया था परन्तु जो कुछ समय ही चल सका।