उमरानंगल को खुली ज़मानत के विरुद्ध सरकार की याचिका पर नोटिस जारी

चंडीगढ़, 18 मार्च (सुरजीत सिंह सत्ती) : पवित्र ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं व बहबल कलां गोलीकांड से जुड़े मामलों में से एक मामले में गिरफ्तारी के बाद निलम्बित किए गए आई.जी. परमराज सिंह उमरानंगल को हाईकोर्ट द्वारा अन्य पुलिस अधिकारियों की तरह दी राहत पर संकट आता नज़र आ रहा है। सरकार ने उमरानंगल को दी खुली ज़मानत का विरोध करते हुए याचिका दायर कर कहा है कि यह एक बड़ा मामला है और सरकार को सुने बगैर उमरानंगल को ऐसी खुली ज़मानत नहीं दी जानी चाहिए थी, लिहाज़ा खुली ज़मानत के दिए आदेश पर पुन: गौर किया जाए। सरकार की इस याचिका पर हाईकोर्ट ने उमरानंगल को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। उमरानंगल की अग्रिम ज़मानत याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि उनकी गिरफ्तारी से सात दिन पहले नोटिस दिया जाए। उमरानंगल ने याचिका में कहा था कि उनका उस केस में भी कोई हाथ नहीं था, जिसमें एस.आई.टी. ने गिरफ्तार किया था और बाकी केसों में भी उनका कोई हाथ नहीं है लिहाज़ा अग्रिम ज़मानत दी जाए। उमरानंगल ने याचिका में यह दलील भी दी थी कि इन मामलों में से एक मामले में कुछ और पुलिस अधिकारियों को अंतरिम ज़मानत मिल चुकी है और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लग चुकी है। इन दलीलों के बाद हाईकोर्ट ने उमरानंगल को राहत देते हुए गिरफ्तारी से सात दिन पहले नोटिस देने की हिदायत की थी परंतु अब सरकार ने इस ज़मानत का विरोध करते हुए आदेश पर पुन: विचार करने की याचिका दायर कर दी है।