सिखों की अद्वितीय शूरवीरता एवं गौरवमयी इतिहास की गौरवगाथा है ‘केसरी’

जालन्धर, 22 मार्च : आज से लगभग 122 वर्ष पहले 12 सितम्बर, 1897 को सारागढ़ी की धरती पर 21 सिखों एवं 10 हज़ार के करीब अफगानी पठानों के बीच हुई जंग पर बनी फिल्म ‘केसरी’ सिखों की अद्वितीय बहादुरी एवं सिख कौम के गौरवमयी इतिहास की ऐसी गौरवगाथा है, जिसको देखकर हर सिख को ही नहीं बल्कि हर पंजाबी को स्वयं पर गर्व महसूस होता है। अंग्रेज़ी शासन के अन्तर्गत जिस तरह 36 सिख रैजीमैंट के 21 बहादुर सिख फौजी जवानों ने हज़ारों अफगानी हमलावरों को धूल चटाई और स्वयं शहादत का जाम पीया, उससे ब्रिटेन सरकार भी बेहद प्रभावित हुई थी और आज भी इस युद्ध को स्मरण करके हर किसी के रौंगटे खड़े हो जाते हैं। फिल्म में हवलदार ईशर सिंह की भूमिका निभा रहे बालीवुड कलाकार अक्षय कुमार पूरी तरह से ‘केसरी’ रंग में रंगे हुए दिखाई देते हैं।
फिल्म के निर्देशक अनुराग सिंह द्वारा भी फिल्म के हर सीन को सारागढ़ी जंग के ऐतिहासिक तथ्यों एवं सिख धर्म के उच्च मानवीय गुणों एवं सिद्धान्तों को बहुत ही शिद्दत से प्रस्तुत किया गया है। फिल्म ‘केसरी’ की सफलता का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि फिल्म देखने के पश्चात भावुक हुए दर्शक सिख कौम के इन महान योद्धाओं की कुर्बानी को कोटि-कोटि प्रणाम करते हुए स्वयं पर भी पंजाब की धरती में जन्मे होने का गर्व महसूस करते हैं। इसी तरह जालन्धर-अमृतसर बाईपास रोड पर स्थित सरब मल्टीप्लैक्स में फिल्म केसरी देखकर बाहर निकले दर्शकों का भी मानना था कि फिल्म ‘केसरी’ का केवल नौजवानों को अपने गौरवमयी इतिहास से जोड़ती है बल्कि उनमें देशभक्ति का जज्बा भी भरती है।