1 अप्रैल से दवाइयों के होलसेल स्टोर खोलने पर रोक

लुधियाना, 23 मार्च (सलेमपुरी): पंजाब सरकार ने पंजाब में रासायनिक नशों की रोकथाम को लेकर नई दवा नीति बनाई है, जिसके तहत अब राज्य में दवाइयों की दुकानों एवं होलसेल ड्रग स्टोर खोलना बहुत मुश्किल हो गया है। पंजाब सरकार के फूड एवं ड्रग विभाग द्वारा जारी किए गए पत्र अनुसार अब 1 अप्रैल 2019 से दवाइयों की दुकानों एवं होलसेल ड्रग स्टोर का लाइसैंस लेने के लिए भारी जद्दोजहद करनी पड़ेगी। पत्र अनुसार होलसेल ड्रग स्टोर अब तब तक नहीं खोला जाएगा, जब तक पांच नए रीटेल स्टोर पूरे नहीं होंगे जबकि ड्रग स्टोर खोलने के लिए फार्मासिस्ट का होना बहुत आवश्यक है। पत्र अनुसार दि किसी ड्रग स्टोर या होलसेल ड्रग स्टोर के फार्मासिस्ट के पास कोई अनजाने में गलती हो जाएगी तो उसका लाइसैंस रद्द कर दिया जाएगा और फिर दोबारा जारी नहीं किया जाएगा जबकि होलसेल ड्रग स्टोर का लाइसैंस लेने के लिए अब किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं बल्कि दवाईयां बनाने वाली कम्पनी के नाम पर ही जारी किया जाएगा और यह लाइसैंस बदलने वाला नहीं होगा जबकि दवाइयों वाले स्टोर पर कार्य करने वाले फार्मासिस्ट की रोजाना हाजरी बायोमीट्रिक मशीन पर रोजाना लगेगी और यह रिपोर्ट हर रोज पंजाब सरकार के फूड एवं ड्रग अथारिटी के पास जाएगी। किसी भी ड्रग स्टोर के फार्मासिस्ट द्वारा की गई छोटी या बड़ी गलती के बदले लाइसैंस रद्द कर दिया जाएगा। पंजाब सरकार की नई दवाई नीति को लेकर कैमिस्टों एवं होलसेल ड्रग स्टोर मालिकों में भारी बेचानी पाई जा रही है। पंजाब कैमिस्ट एसोसिएशन के प्रान्तीय महासचिव एवं लुधियाना इकाई के प्रधान जी.एस. चावला ने कहा कि पंजाब सरकार की लागू की जा रही नई दवाई नीति को लेकर आज चंडीगढ़ में राज्य स्तरीय बैठक रखी गई है, जिसमें एसोसिएशन के प्रान्तीय इकाई सदस्यों फूड एवं ड्रग अथारिटी के कमिश्नर काहन सिंह पन्नू आई.ए.एस. एवं ड्रग अथारिटी के संयुक्त कमिश्नर काहन सिंह पन्नू आई.ए.एस. एवं ड्रग अथारिटी के संयुक्त कमिश्नर प्रदीप मट्टू से बैठक की जाएगी। एसोसिएशन के प्रान्तीय सचिव चावला ने कहा कि सरकार की नई दवाई नीति के लागू हो जाने से राज्य में बेरोज़गारी में वृद्धि होगी और हर वर्ष लगभग विभिन्न फार्मेसी कालेजों में तैयार होकर निकलने वाला 3000 के करीब डिप्लोमा फार्मासिस्टों का भविष्य अन्धकारमय हो जाएगा, क्योंकि उनको रिटेल एवं होलसेल ड्रग स्टोर खोलने का मौका प्रदान नहीं होगा, क्योंकि दवाइयों वाली दुकानें जनसंख्या के अनुपात अनुसार खोली जाती हैं।