श्री हरिमंदिर साहिब में सोने के पतरों की धुलाई की कार सेवा आरम्भ

अमृतसर, 23 मार्च (जसवंत सिंह जस्स): श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य भवन के गुंबदों व दीवारों पर लगे सोने की पतरों की प्रदूषण व धूल-मिट्टी के कारण फीकी पड़ रही चमक को पुन: पहले जैसा करने हेतु गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था बर्मिघम (यूके) से आए श्रद्धालुओं द्वारा आज सोने की धुलाई की कार सेवा आरम्भ की गई। इस सेवा की शुरुआत श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी सुखजिंदर सिंह ने करवाई व अरदास भाई सलविंदर सिंह अरदासिये द्वारा की गई। जत्थे के प्रबंधक भाई गुरदयाल सिंह ने बताया कि धुलाई के लिए किसी कैमीकल का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि रीठे को गर्म पानी में कई घंटे उबालकर, इसमें नीम्बू कर रस मिलाकर और फिर उसे ठंडा करके सोने के पतरों पर हाथों से साफ किया जाता है और फिर साफ जल से धुलाई कर दी जाती है। उन्होंने बताया कि धुलाई की सेवा के समय यह खास ख्याल रखा जाता है कि रीठे के साबुन वाला पानी पावन सरोवर में न पड़े। उन्होंने बताया कि यह कार सेवा 6 से 8 दिनोें में मुकम्मल होने की उम्मीद है। इस अवसर पर अन्यों के अलावा भाई इंद्रजीत सिंह, सुखबीर सिंह, जसवंत सिंह, सुरिंदर सिंह व श्री दरबार साहिब के अतिरिक्त सचिव राजिंदर सिंह रूबी भी मौजूद थे।