प्रोफिटेकिंग से मक्की में मंदा: उड़द-तुवर सहित दालें टूटीं : बाजरा तेज़

नई दिल्ली, 24 मार्च (एजेंसी): गत सप्ताह नई फसल की दहशत से छिंदवाड़ा-मुरतई लाइन में मक्की की बिकवाली आ गयी, जिसके चलते 50/75 रुपए पुराने माल में मंदा आ गया। उधर मानसी, गुलाबबाग लाइन में नई मक्की आ गयी जिससे पुराने माल में बिकवाली का प्रैशर बढ़ गया है। इधर उड़द-तुवर बंदरगाह वाली मंडियों में 100/150 रुपए और नीचे आ गये। सप्ताह के अंतिम दिन होली के बाद दलहनों में 40/50 रुपए की मजबूती रही। वहीं मोटे अनाजों में सम्भल, इटावा लाइन में आवक घटने से बाजरा 100 रुपए उछल गया। गेहूं भी फसल में विलम्ब होने से 10 रुपए सुर्ख हो गया। आलोच्य सप्ताह मक्की के बढ़े भाव पर नई फसल की दहशत से हरियाणा-पंजाब में भी प्रोफिटेकर आ गये, जिसके चलते उत्पादक मंडियों के व्यापारी फसल बम्पर होने से घटाकर माल बेचने लगे, जिसके चलते 50/75 रुपए घटकर एमपी की मक्की 2230/2235 रुपए राजपुरा पहुंच नेट में रह गया। पानीपत-सफीदों के लिए उक्त भाव में दो प्रतिशत सीडी में ही बेचू आ गये। बिहार की फसल इस बार 50 लाख टन के करीब आने की संभावना बन गयी है, जो गत वर्ष कुछ दूसरी प्रजाति मक्की की बिजाई होने से उसमें दाने कम लगे थे, जिससे उत्पादन घटकर 30 लाख टन रह गया था। यहां भी इसके भाव 65/70 रुपए घटकर 2180/2190 रुपए रह गये। दलहनों में उड़द, फसल कम होने एवं आयात पड़ता कम के बावजूद सट्टेबाजी के चलते 150 रुपए घटकर 4950/4960 रुपए प्रति क्विंटल एवं चेन्नई में 4925 रुपए एसक्यू क्वालिटी की रह गयी। यहां भी इसके भाव 5175 रुपए रह गये। एफएक्यू 4200 रुपए के निम्नस्तर पर आ गया। तुवर भी 150 रुपए घटाकर 4500/4550 रुपए उक्त दोनों बंदरगाहों पर बेचू आ गये। यहां तुवर 4800 रुपए रह गयी जो पिछले सप्ताह 4950 रुपए बिकी थी। मसूर में भी घबराहटपूर्ण बिकवाली से 50 रुपए का मंदा आ गया। यहां बिल्टी में मसूर 4050 रुपए एवं एमएमटीसी की 3825 रुपए रह गयी। काबली एवं राजमा चित्रा में भी बाजार दबे रहे। वहीं बाजरा, निकट में कोई फसल न होने से धीरे-धीरे शॉर्टेज में आने लगा है। फलत: 100 रुपए बढ़कर ऐटा, मैनपुरी, इटावा एवं सम्भल लाइन में 1775/1825 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।