हिन्दू तीर्थयात्रियों हेतु शारदा मंदिर का गलियारा खोलेगा पाकिस्तान

इस्लामाबाद/ अमृतसर 25 मार्च (वार्ता/ सुरेन्द्र कोछड़) : पाकिस्तान ने पंजाब प्रांत के नारोवाल ज़िले में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब और भारत के गुरदासपुर ज़िले के डेरा बाबा नानक गलियारे पर सहमति के बाद सोमवार को पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में शारदा मंदिर गलियारे को भी हिंदू तीर्थयात्रियों विशेषकर पड़ोसी देश के श्रद्धालुओं के लिए खोलने की अनुमति दे दी। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत का विदेश मंत्रालय पहले ही इस गलियारे को खोलने के लिए प्रस्ताव भेज चुका है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि करतारपुर के बाद हिंदुओं के लिए यह बड़ी खबर है। कुछ सरकारी अधिकारी इलाके का दौरा कर प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपेगे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के राष्ट्रीय असैम्बली के सदस्य डा. रमेश कुमार ने ‘अजीत समाचार’ से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने शारदा मंदिर खोलने का फैसला किया है। मैं दो दिन में मंदिर की यात्रा पर जा रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री को इस संबंध में रिपोर्ट भेजूंगा। इस परियोजना पर चालू वर्ष में काम शुरू होगा और इसके बाद पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू भी यहां की यात्रा पर जा सकेंगे। यह अस्थान कश्मीर के कुपवाड़ा से लगभग 22 किलोमीटर और पीओके के मुजफ्फराबाद से 160 किलोमीटर दूर एलओसी के छोटे से गांव में स्थापित है। सीमा रेखा से इसकी 10 किलोमीटर है। शारदापीठ 18 शक्तिपीठों में से एक है : हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यहां देवी सती का दायां हाथ गिरा था। इस मंदिर को ऋणि कश्यप के नाम पर कश्यपपुर के नाम से भी जाना जाता है।  शारदा मंदिर हिंदुओं का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर करीब पांच हज़ार वर्ष पुराना है और महाराजा अशोक ने 237 बी.सी. कार्यकाल में इसका निर्माण हुआ था। मंदिर के निकट एक तालाब है जिसे मादोमती के नाम से पुकारा जाता है और इसका जल हिंदू समुदाय के लिए कटासराज मंदिर के जल की तरह बहुत  महत्व रखता है।