कत्ल के मामले में पंजाब 16वें स्थान पर


अमरगढ़, 26 मार्च (बलविन्द्र सिंह भुल्लर): पांच दरियाओं की धरती वाले पंजाब को 1984 से पहले देश का सबसे प्रमुख राज्य माना जाता था और यहां रहने वाले पंजाबियों को देश के सबसे शांतिप्रिय नागरिक परन्तु दिन-प्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या, नशे, बेरोज़गारी एवं बाहरी राज्यों से आकर यहां बसे हुए अज्ञात अपराधियों के कारण पंजाब में विगत तीन चार दशकों से अपराध दर लगातार बढ़ती जा रही है जिसके चलते राज्य में अमन कानून की हालत भी लगातार बिगड़ती जा रही है।
नैशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों अनुसार 2013 में पंजाब की अपराध दर केवल 132.17 प्रतिशत थी जबकि अपराध का राष्ट्रीय आंकड़ा 218.6 प्रतिशत था। पंजाब में सबसे ज्यादा अपराध की घटनाएं लुधियाना जिले में जबकि सबसे कम मानसा जिले में घटित होती हैं। पंजाब के लुधियाना जिले को बलात्कारों की राजधानी भी कहा जाता रहा है। यदि पंजाब में घटित समूची घटनाओं की दरों की राष्ट्रीय अपराध दरों से तुलना की जाए तो राज्य में घटित समूचे अपराधों में पंजाब का नम्बर 18वां है। कत्लों में पंजाब 16वें नम्बर पर, दुष्कर्म में 17वें, छीना-झपटी में 18वें, चोरियों में 17वें, डकैतियों में 20वें, अपहरण की घटनाओं में 16वें, जबकि दंगा फसादों के मामले में पंजाब का नम्बर 33वां है।