करतारपुर गलियारे पर वार्ता टली

नई दिल्ली, 29 मार्च (वार्ता) : भारत ने करतारपुर साहिब कॉरीडोर को लेकर पाकिस्तान की ओर से गठित 10 सदस्यीय समिति में आधे सदस्य खालिस्तान समर्थकों एवं भारत के विरुद्ध विषवमन करने वालों से भर लेने की रिपोर्टों के बाद दो अप्रैल को पंजाब में अटारी वाघा सीमा चौकी पर होने वाली अगली बैठक टाल दी है और पाकिस्तान से अपनी सुरक्षा चिंताओं को साझा करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब करके भारत की चिंताओं से अवगत कराया  और कहा कि अगली बैठक 2 अप्रैल की बजाय पाकिस्तान का जवाब प्राप्त होने के बाद आपस में तय तिथि को होगी। तकनीकी विषयों पर हालांकि अगली बैठक अप्रैल मध्य में बुलाने की बात कही है। सूत्रों ने कहा कि भारत इस गलियारे को खोलने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है पर राष्ट्रीय सुरक्षा एवं देश की अखंडता से जुड़ी चिंताएं सर्वोपरि हैं। तीन-चार दिन पहले पाकिस्तान सरकार की कैबिनेट की बैठक के बाद करतारपुर गलियारे पर एक 10 सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की गई जिसमें लश्करे तैयबा के सरगना एवं जमातुद दावा के मुखिया हाफिज सईद से नज़दीकी और खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े पांच लोगों को सदस्य बनाया गया है। इनमें गोपाल सिंह चावला, मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिसन सिंह और कुलजीत सिंह शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि इन पांचों की गतिविधियों के रिकॉर्ड उपलब्ध हैं और ये सभी भारत की अखंडता के लिए खतरा हैं। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी उप उच्चायुक्त से इस बारे में पुन: सफाई मांगी गई है। सूत्रों ने कहा कि वह अगली बैठक से पहले पाकिस्तान की ओर से स्पष्टीकरण का इंतज़ार करेंगे तथा उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान भारत की चिंताओं का संतोषजनक समाधान करेगा। भारत का रुख बिल्कुल खुला एवं स्पष्ट है।