चीनी बढ़कर फिर लुढ़की, गुड़ हुआ और तेज

नई दिल्ली, 31 मार्च (एजैंसी) : गत सप्ताह चीनी में अप्रैल माह को कोटा कम आने की हवा उड़ जाने से 50/60 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर डीओ मिलें बनाने लगी, लेकिन सप्ताहांत में बढ़े भाव पर ग्राहकी का समर्थन मिलने से 20/30 और रुपए नरम हो गयी तथा इन भावो में भी लिवाली कमजोर थे, जिससे अप्रैल फस्ट वीक की चीनी मिल वाले सस्ती बेचने लगे। दूसरी ओर गुड़ लोकल व चालानी मांग निकलने से गुड़ 100/125 रुपए प्रति क्विंटल यहां और बढ़ गया। मुजफ्फरनगर सहित अन्य उत्पादक मंडियों में भी 30/40 रुपए प्रति 40 किलो का इजाफा हो गया। जिस तरह मौसम का तापमान तेजी से बढ़ने लगा है, उसे देखते हुए गुड़ में 200 रुपए की और जल्दी तेजी आ जायेगी। आलोच्य सप्ताह उत्तर भारत की मंडियों में अप्रैल माह का कोटा कम आने की हवा तेजी से सटोरियों द्वारा उड़ा दी गयी, जिसके चलते मिलों द्वारा 50/60 रुपए बढ़ाकर चीनी का डीओ 3130/3180 रुपए प्रति क्विंटल तक ऊपर में बना दिया गया। इन बढ़े भावों में मार्च क्लोजिंग के चलते स्टॉकिस्टों की मांग नहीं निकल पायी। दूसरी ओर खपत वाली मंडियों की वास्तविक मांग का समर्थन भी नहीं मिलने से इसके भाव 20/30 रुपए घटकर 3100/3160 रुपए प्रति क्विंटल मिलों में रह गये। हाजिर में भी चीनी उत्तरार्ध  में 20/25 रुपए नरम बोली गयी। चीनी का उत्पादन अनुमान साढ़े तीन सौ लाख टन पर विशेषज्ञों का अडिग है तथा पुरानी चीनी भी गले में फंसी है, जिससे लम्बी तेजी की धारणा तो दूर-दूर तक नहीं है, लेकिन जिस तरह दो दिन के अंतराल मौसम के तापमान में वृद्धि हुई है, इसे देखते हुए यहां से बाजार थोड़ा तेज हो जायेगा। दूसरी ओर गुड़ की आवक मुजफ्फरनगर मंडी में घटकर साढ़े तीन हजार कट्टे के करीब रह गयी। गुड़ का स्टॉक नौ लाख कट्टे के लगभग हो चुका है। जो गत वर्ष के बराबर है तथा बिहार, बंगाल, हरियाणा, पंजाब एवं यूपी की चौतरफा स्टॉकिस्टों की लिवाली बनी रही, जिससे उत्पादक मंडियों में 30/40 रुपए 40 किलो का इजाफा हो गया। यहां भी 100 रुपए बढ़कर पेड़ी 2900 रुपए एवं चाकू 3000 रुपए प्रति क्विंटल हो गये तथा अभी इसमें 200 रुपए की और इसी लाइन पर अप्रैल माह में तेजी लगती है।