सरकारी संस्थाओं क्ना अस्तित्व बरकरार रखने के लिए नीतियों में बदलाव ज़रूरी 

फिरोज़पुर, 13 जुलाई (तपिन्द्र सिंह): किसी भी देश की तरक्की के लिए वहां औद्योगिक विकास का होना आवश्यक माना जाता है। औद्योगिक विकास के लिए तकनीकि शिक्षा मुहैया करवाने के लिए बुनियादी तकनीकि शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करना सरकार की ज़िम्मेदारी होती है। इसी 1995 में पंजाब के सीमावर्ती जिला फिरोज़पुर और गुरदासपुर में पंजाब सरकार द्वारा तकनीकि शिक्षा संस्थाओं की स्थापना की गई, जिनका मुख्य मनोरथ सीमावर्ती और पिछड़े हुए क्षेत्रों के नौजवानों को तकनीकि शिक्षा देकर बड़ी कंपनियों में रोज़गार प्राप्त करने के समर्थ बनाना था। कुछ समय पहले तक यह संस्थाएं बाखूबी अपना कार्य कर रही थी और सीमावर्ती क्षेत्रों के बहुत से विद्यार्थियों को अपने पांवों पर खड़े होने में सहायक साबित हुई। आज के दशकों बाद इन संस्थाओं को अपना भविष्य दाव पर लगा दिख रहा है, जिसका मुख्य कारण इन संस्थाओं में द़ािखलों के रुझान का घटना है। एक सर्वे के अनुसार इसकी वजह विद्यार्थियों का विदेशों में जाकर पढ़ने को पहल देना है। इसके अलावा शिक्षा का महंगा होना भी इसका कारण है। वहीं सरकारी संस्थाओं का अस्तित्व बरकरार रखने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव ज़रूरी है जिसके चलते आर्थिक तौर पर पिछड़े हुए क्षेत्रों के माता-पिता द्वारा भारी फीसें भर कर अपने बच्चों को शिक्षित करना बहुत मुश्किल कार्य है, जबकि अच्छी और बुनियादी शिक्षा हासिल करना हर बच्चें का संविधानिक अधिकार है।