आप जब चलाएं घरेलू व्यवसाय

आमतौर पर बच्चों के बड़े होने पर शिक्षित गृहणियों के पास काफी समय बच जाता है। अपने समय का सार्थक उपयोग करने के लिए कुछ महिलायें कोई न कोई घरेलू व्यवसाय करना चाहती हैं ताकि वे घर बैठे कमाई भी कर सकें और उनका घर परिवार भी उपेक्षित न हो। ब्यूटी पार्लर, क्र ेच, बुटीक, केटरिंग,  मनीहारी, सॉफ्ट टॉयज मेकिंग, नकली ज्वैलरी, कोचिंग, कम्प्यूटर जॉब व बर्तनों की दुकानदारी वगैरा कुछ ऐसे व्यवसाय हैं जिनमें शुरूआत में ज्यादा पूंजी भी नहीं लगती। इन्हें प्रारंभ में घर के एक कमरे या गैरेज में ही शुरू किया जा सकता है लेकिन ज्यादातर महिलाएं इच्छा होते हुए भी पारिवारिक असहयोग, आत्मविश्वास व सम्बधित व्यवसाय की जानकारी की कमी की वजह से अपना व्यवसाय चालू करने से झिझकती रहती हैं। 
कुछ बातों का ध्यान रखने से घरेलू महिलाएं भी अपना छोटा-मोटा व्यवसाय स्वयं संभाल सकती हैं:-
द्द सिर्फ किसी की देखा-देखी या महज टाइमपास की नीयत से कोई व्यवसाय न करें। किसी व्यवसाय की जानकारी व उसमें पूर्ण रूचि होने पर ही वह व्यवसाय प्रारंभ करें।
द्द किसी को यथासंभव उधार न दें। 
द्द  सिर्फ याददाश्त पर भरोसा न कर के, लिखित में समस्त आय व्यय, उधारी व अग्रिम राशि का ब्यौरा अपने पास रखें।
द्द  बेची जाने वाली वस्तुओं की क्वालिटी का विशेष ध्यान रखें। 
द्द  अपना मुनाफा अवश्य रखें।
द्द  प्रारंभ में अपना मुनाफा या फीस कम ही रखें। 
द्द  व्यवसाय करते वक्त अपना पूरा ध्यान अपने व्यवसाय व ग्राहकों पर केंद्रित करें।
द्द  प्रारंभ में हौंसला तोड़ने वालों की बातों से घबरा कर अपना व्यवसाय बंद करने की न सोचें। 
द्द  हमेशा प्रसन्नचित व आकर्षक वेशभूषा धारण करके ही अपने ग्राहकों से मिलें।
द्द  ग्राहकों की वाजिब शिकायत पर अवश्य ध्यान दें। ग्राहकों के उलाहनों को दिल से लगाकर न बैठें।
द्द  कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पूर्व उससे सम्बधित जानकारी अवश्य ले लें।
द्द  कोई भी व्यवसाय प्रारंभ करने से पूर्व साइन बोर्ड लगवा लें और पेम्फलेट अवश्य छपवा कर वितरित कर दें। आप चाहें तो लोकल चैनल पर भी अपना विज्ञापन दे सकते हैं। 
द्द झल्लाकर या रौब से कभी ग्राहकों से बात न करें।  (उर्वशी)