महिलाओं के लिए ज़रूरी है बातचीत का सलीका

अच्छा जीवन जीने के लिए बातचीत करना ज़रूरी है। बातचीत के बिना जीवन व्यर्थ हो जाता है। घर में बातचीत न हो तो हमारे बच्चे बोलना नहीं सीख सकते। बातचीत करने का भी एक ढंग होता है। यह ढंग अच्छा हो तो यह एक अच्छे सलीके को जन्म देता है। एक अच्छा सलीका ही एक नर्क भरे घर को स्वर्ग बना सकता है। बातचीत का अच्छा सलीका वह होता है जब हमारे में दूसरों को सुनने के लिए सहनशीलता हो। दूसरा बातचीत कर रहा हो तो हम उसे बिना किसी बात के रोक दें तो यह हमारी कमज़ोर की निशानी है। हां, हम दूसरों की बात को काट सकते हैं यदि वह कुछ गलत बोल रहा हो तो।
अच्छी बातचीत करने के लिए हमारे बीच प्यार की भावना का होना बहुत ज़रूरी है। प्यार की भावना एक ऐसा गुण है जो हमें गिरते हुये को भी एक सम्मानपूर्वक स्थिति में लेकर जा सकता है। लेकिन एक कड़वी भाषा बोलने वाली महिला अच्छे-भले रिश्तों में कड़वाहट पैदा कर सकती है। हम महिलाएं नर्क-स्वर्ग की बातें करती हैं, लेकिन यह बात भूल जाती हैं कि नरक और स्वर्ग हमसे से कोई दूर नहीं है। बल्कि हमारी बातें जो कि हमारी सोच को पंख लगाती हैं उनके द्वारा ही बनते हैं। दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करके ही हम अपने जीवन को चार-चांद लगा सकते हैं। लेकिन दूसरों को बुरा-भला बोल कर या दूसरों के बारे कोई बुरी बात बोल कर हम अपना ही नुकसान कर बैठते हैं। वास्तविकता में यही महिला का कर्म है और यही महिला का धर्म भी है कि वह भटके हुये को रास्ते पर ला सके। महिला के अच्छे व्यवहार और बातचीत के ढंग से बुरे से बुरा पति भी अच्छे रास्ते पर आ जाता है।