योगी का दृढ़ बड़ा पग

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कुछ महीने ही शेष बचे हैं। आगामी वर्ष के शुरू में वहां चुनाव होने जा रहे हैं परन्तु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई जनसंख्या नीति को लाकर एक बहुत बड़ा पग उठाया है। ऐसा पग जिसका विगत लम्बी अवधि से इंतज़ार था। ऐसा पग जिसकी पिछले दशकों से केन्द्रीय सरकारों से आशा की जाती रही है, क्योंकि ऐसा पग देश के हालात के अनुसार दृढ़ता के साथ उठाया जाना आवश्यक था। ऐसी ही दृढ़ता 1975-76 में देश में आपात् स्थिति के दौरान संजय गांधी ने दिखाई थी परन्तु लोगों पर इसे थोपने एवं लोगों की जबरन नसबंदी किये जाने के कारण इन यत्नों की व्यापक स्तर पर आलोचना हुई थी जो सामयिक सरकार को महंगी पड़ी थी। इसके बाद किसी भी अन्य केन्द्र सरकार ने ऐसा करने का साहस नहीं किया। 
केन्द्र सरकार की परिवार नियोजन संबंधी योजनाएं ठुस्स एवं फुस्स होकर रह गई थीं। इनका प्रभाव यह हुआ कि देश की जनसंख्या निरन्तर बढ़ती चली गई। आज यह एक अरब 40 करोड़ के लगभग पहुंच गई है। भारत से सिर्फ चीन ही इस मामले में आगे है। उसकी जनसंख्या 1 अरब 45 करोड़ के लगभग है। जिस तेजी के साथ भारत इस मामले में आगे बढ़ रहा है, वह शीघ्र ही चीन को मात दे देगा। हम समझते हैं कि आज यदि करोड़ों लोग ़गरीबी एवं बेरोज़गारी की चक्की में पिस रह रहे हैं, वे जीवन की आधारभूत सुविधाओं से वंचित हैं तो इसका एक बड़ा कारण बे-लगाम होकर बढ़ती जनसंख्या पर काबू न पा सकना भी है। इस मामले में विगत 4 दशकों से तत्कालीन केन्द्र सरकारें बुरी तरह से पिछड़ती रही हैं। चाहे इस मामले पर देश भर में लम्बी अवधि से भिन्न-भिन्न मंचों पर बहस चलती रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से ऐसे पग की घोषणा से पूर्व असम, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने भी परिवार नियोजन के लिए लोगों को कुछ रियायतें दी थीं तथा बड़े परिवार वालों पर कुछ अंकुश लगाने की घोषणा भी की थी परन्तु उनकी इस सीमा तक आलोचना हुई कि अधिकतर राज्य अपने ऐसे कार्यक्रमों को बीच में ही छोड़ गये थे। अब प्रतीत होता है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से बड़े सोच-विचार के बाद यह पग उठाया गया है तथा जनसंख्या के संबंध में नीति धारण की गई है जो समाज के लिए प्रेरणादायक भी सिद्ध हो सकती है। उत्तर प्रदेश जनसंख्या के दृष्टिकोण से देश का सबसे बड़ा राज्य है। इसकी जनसंख्या 24 करोड़ के निकट पहुंच चुकी है। यदि इस प्रदेश को अलग रख कर सोचा जाये तो भारत को छोड़ कर चीन, अमरीका एवं इंडोनेशिया के बाद इस अकेले प्रदेश की जनसंख्या का विश्व का अन्य कोई देश भी मुकाबला नहीं कर सकता। पाकिस्तान की जनसंख्या इस समय साढ़े 22 करोड़ के लगभग है। वह भी इस मामले में अकेले उत्तर प्रदेश का मुकाबला नहीं कर सकता। विश्व के सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले देश रूस की जनसंख्या भी इस समय लगभग 15 करोड़ है। विगत रविवार जनसंख्या संबंधी नीति कार्यक्रम जो 2021 से 2030 तक के लिए है, की शुरुआत करते हुये योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निरन्तर बढ़ती हुई जनसंख्या देश की बड़ी समस्याओं में से एक है। बढ़ती हुई जनसंख्या विकास के पथ पर बड़ी बाधा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह नई नीति समाज के सभी वर्गों को समक्ष रख कर ही तैयार की गई है। 
विगत चार दशकों से देश एवं राज्यों में इस मामले पर जितने भी यत्न किये गये हैं, उनके कुछ हद तक सार्थक परिणाम ही निकले हैं। उन्होंने जनसंख्या को कम करने के लिए नई तकनीक अपनाने की बात भी की है। लोगों में अधिकाधिक प्रचार करके नई चेतना उत्पन्न करना इसका मुख्य मंतव्य है। समाज में उत्पन्न हुई चेतना ही इस क्षेत्र में प्रभावशाली सिद्ध हो सकती है। ऐसे यत्नों को किसी भी स्थिति में पीछे नहीं डाला जाना चाहिए तथा समूचे समाज के सभी वर्गों को इसमें भागीदार बनाया जाना चाहिए। हम योगी आदित्यनाथ की ओर से उठाये गये इस पग की प्रशंसा करते हैं। नि:सन्देह ऐसी ही दृढ़ता के साथ इसे केन्द्र सरकार एवं अन्य राज्यों की सरकारों की ओर से भी अपनाया जाना चाहिए। यह निश्चित है कि जब तक देश में जनसंख्या को नियंत्रित नहीं किया जाता, तब तक बड़ी समस्याएं बरकरार रहेंगी जो समूचे समाज एवं देश के लिए घातक सिद्ध हो सकती हैं। देश के लोगों को बेहतर जीवन प्रदान करने एवं समृद्धि की ओर ले जाने के लिए ऐसे पग उठाये जाने की अतीव आवश्यकता है।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द