भारत की अव्वल निशानेबाज़  मन्नू भाकर 

 पिस्तौल निशानेबाज़ी के क्षेत्र में एक ही वर्ष (2018) में विश्व कप और राष्ट्रमंडल खेलों दोनों में स्वर्ण पदक जीतने वाली मन्नू भाकर पहली भारतीय खिलाड़ी है, जिसे ऐसा कारनामा कम आयु में कर दिखाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हरियाणा में झज्जर ज़िले के गांव गोरिया में जन्मी पिता राम कृष्ण भाकर की लाडली बेटी मनूं अनेक अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। जूनियर मुकाबलों में भाग लेना : 2017 में खेली गई एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में रजत पदक प्राप्त करने वाली ने इसी वर्ष के राष्ट्रमंडल खेलों में 9 स्वर्ण पदक जीत कर और विश्व कप पदक विजेता खिलाड़ी हिना सिद्धू को हरा कर देश के चयनकर्त्ताओं को दुविधा में डाल दिया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियां : मैक्सिको के शहर गुआडुलहारा में खेले गए 2018 के अंतर्राष्ट्रीय पिस्तौल खेल विश्व कप में मन्नू ने दो बार की विश्व कप विजेता और मेजबान देश की खिलाड़ी अल्ज़ांड्रा ज्वाला को हरा कर विश्व कप अपने नाम किया तथा विश्व भर में अपनी धांक जमाई। ऐसा करने वाली वह सबसे कम आयु की खिलाड़ी बनी। इस मुकाबले में उसने हमवतन ओम प्रकाश मिथारवल के साथ जोड़ी बना कर मिक्सड टीम मुकाबले में 476.1 अंक प्राप्त किये और अपनी विरोधी टीम को धूल चटा कर स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाला। 2018 में ही गोल्ड कॉस्ट में खेले गये राष्ट्रमंडल खेलों के पिस्तौल निशानेबाज़ी मुकाबले में 240.9 अंक प्राप्त करके स्वर्ण पदक जीतने वाली मन्नू ने खेलों के क्षेत्र में देश की शान बढ़ाई।  युवा ओलम्पिक (2018) के दस मीटर महिला पिस्तौल मुकाबले में 236.5 अंक हासिल करने वाली मन्नू ने अंक तालिका में सबसे शीर्ष स्थान प्राप्त करके स्वर्ण पदक जीता। मन्नू भाकर ने ताइवान में खेली गई एशियाई एयर पिस्टल चैम्पियनशिप (2019) के सिंगल मुकाबले में हांगकांग की छिंग-चिंग को हरा कर स्वर्ण पदक जीता तथा टीम मुकाबले में सौरव चौधरी के साथ मिल कर दक्षिण कोरिया की टीम को मात दी और मिक्सड कैटागरी में भी स्वर्ण पदक देश के नाम किया।  विश्व स्तरीय वर्तमान रैंकिंग में दूसरे स्थान पर विराजमान मन्नू भाकर अब तक देश के लिए लगभग 18 स्वर्ण और 4 रजत पदक जीत कर निशानेबाज़ी के क्षेत्र में भारत का नाम रौशन कर रही है। भारत के राष्ट्रीय राइफल संगठन द्वारा टोक्यो में आयोजित ओलम्पिक खेलों में भाग लेने हेतु घोषित  की गई निशानेबाज़ों 14 सदस्यीय टीम में मन्नू भाकर का नाम विशेष रूप में शामिल किया गया था। मन्नू भाकर को तब बड़ा झटका लगा, जब टोक्यो ओलम्पिक के 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल मुकाबले में उसके पिस्तौल में खराबी आ गई। परिणामस्वरूप उसे खाली हाथ घर लौटना पड़ा, जबकि भारतीय खेल प्रेमी उससे स्वर्ण पदक की उम्मीद लगाए बैठे थे।