मेरे खिलाफ आतंकी आरोप साबित हुए तो फांसी मंजूर - यासीन मलिक

नई दिल्ली, 25 मई - आतंकी फंडिंग मामले में दोषी ठहराए गए कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने बुधवार को एनआईए की एक अदालत से कहा कि अगर खुफिया एजेंसियां आतंकवाद से जुड़ी किसी भी गतिविधि को साबित करती हैं, तो वह फांसी को स्वीकार कर लेंगे। विशेष एनआईए न्यायाधीश प्रवीण सिंह के समक्ष सुनवाई के दौरान मलिक ने कहा, "मैं किसी से भीख नहीं मांगूंगा। मामला इस अदालत के समक्ष है और मैं इस पर फैसला करने के लिए अदालत पर छोड़ता हूं।"

उन्होंने कहा, "अगर मैं 28 साल में किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं, अगर भारतीय जांच एजेंसियां यह साबित कर दें, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मैं फांसी को स्वीकार करूंगा .. मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है।"

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए आरोपी जिम्मेदार है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने मलिक के लिए मौत की सजा के लिए भी तर्क दिया।

दूसरी ओर, अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने मामले में न्यूनतम सजा के रूप में आजीवन कारावास की मांग की।