धोखा देकर लोगों को विदेश भेजने वाले एजेंटों के विरुद्ध हो कड़ी कार्रवाई

पंजाब इस समय बहुत-सी समस्याओं से घिरा हुआ है। इसकी बड़ी समस्या यह है कि इसकी कृषि जिसके साथ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष ढंग से आज भी राज्य के 28 प्रतिशत लोग जुड़े हुये हैं, में ठहराव आ चुका है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी ज़मीनें विभाजित हो गई हैं तथा 65 से 70 प्रतिशत किसान 5 एकड़ से भी कम रकबे पर कृषि करते हैं। उचित मूल्य न मिलने एवं प्राकृतिक एवं ़गैर-प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों के बार-बार नष्ट होने से किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद नाज़ुक हो गई है।
वह बुरी तरह ऋण के जाल में फंसे हुए हैं। इसी कारण ही किसानों तथा खेत मज़दूरों की आत्महत्याओं में वृद्धि हो रही है। इस सब के बावजूद ठेके पर ज़मीन लेकर कृषि करने वाले किसानों की बड़ी समस्या यह है कि उन्हें बहुत ही ऊंचे मूल्य पर ठेके तथा ज़मीन लेकर कृषि करने हेतु विवश होना पड़ता है पर जब फसल नष्ट हो जाती है तो एक फसल के बाद ही किसान के सिर पर हज़ारों रुपये का ऋण चढ़ जाता है। समय के साथ राज्य में कृषि आधारित तथा अन्य उद्योग न लगने के कारण कृषि के अलावा युवाओं के लिए अन्य रोज़गार के अवसर बहुत सीमित हैं। इसी कारण युवा +2 के बाद ही शिक्षा के बहाने यहां से पलायन करके किसी अन्य देश में रहने हेतु विवश हो रहे हैं। इसी उद्देश्य के लिए युवाओं के अभिभावकों द्वारा व्यापक स्तर पर ऋण लिये जाते हैं तथा हर वैध-अवैध ढंग से वह अपने युवा लड़कों तथा यहां तक कि युवा बेटियों को भी विदेश भेज रहे हैं। एक तरह से पंजाब उजड़ जाने का सामना कर रहा है। राज्य में सभी सरकारों के प्रयासों के बावजूद नशों की आंधी के न रुकने के कारण भी लोग डरते हुये अपने युवा बच्चों को यहां से विदेश भेजने हेतु प्राथमिकता देते हैं। 
राज्य में उत्पन्न हुई इन संकटमय स्थितियों का स्वार्थी तथा अपराधी प्रवृत्ति वाले लोग धड़ल्ले से लाभ उठा रहे हैं। इस संबंध में ही यह बात समक्ष आई है कि पंजाब, हरियाणा तथा दिल्ली आदि के बहुत-से ट्रैवल एजेंट युवक-युवतियोंको सपने दिखा कर दो सप्ताह के टूरिस्ट वीज़े पर खाड़ी देशों  में भेज देते हैं। कई बार ऐसे युवाओं को वह जाली वर्क परमिट दिखा कर भी गुमराह करते हैं। जब ऐसे युवक-युवतियां यू.ए.ई. या मस्कट आदि पहुंच जाते हैं तो एजेंटों द्वारा उन्हें दो सप्ताह के लिए कमरों में बंद कर दिया जाता है तथा उनके पासपोर्ट भी छीन लिये जाते हैं। जब इस अवधि के बाद ऐसे युवक-युवतियां ़गैर-कानूनी हो जाते हैं तो उन्हें बहुत ही कम पैसे देकर काम करने हेतु विवश करके किसानों एवं अन्य व्यापारियों को सौंप दिया जाता है। बहुत-से ऐसे भी मामले सामने आ रहे हैं कि एजेंटों द्वारा युवतियों को बेच ही दिया जाता है तथा फिर उनका शारीरिक शोषण होता है। बहुत-सी युवतियों को बेहद  दयनीय स्थितियों में प्रतिदिन 18-18 घंटे काम करना पड़ता है। जब ऐसे युवक-युवतियों के अभिभावक एजेंटों को उनके युवा बच्चों को वापिस लाने हेतु कहते हैं तो इधर और उधर के एजेंट सहायता करने के स्थान पर उनसे और पैसे ऐंठने के लिए उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। विगत दिवस एक खाड़ी देश से 13 युवतियों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाली थी, जो कि काफी वायरल हुई थी। उस वीडियो में युवतियों ने कहा था कि हम बहुत ही दयनीय स्थितियों में यहां रह रहे हैं। हमें किसी  भी तरह यहां से बाहर निकाला जाये।
इस संबंध में सरबत का भला ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डा. एस.पी. सिंह ओबराय ने ‘अजीत समाचार’ को विशेष साक्षात्कार  देते हुए विगत दिवस अहम खुलासे किये थे। उन्होंने बताया था कि इस समय 400 के लगभग युवतियां दुबई तथा मस्कट में फंस चुकी हैं। इनमें से 80 ने मस्कट के भारतीय दूतावास में शरण ली हुई है तथा 66 के लगभग युवतियां दो अलग-अलग गुरुद्वारों में रह रही हैं तथा 250 के लगभग अन्य युवतियां अलग-अलग स्थानों पर बहुत ही दयनीय स्थितियों में फंसी हुई हैं तथा शोषण का शिकार हो रही हैं। उन्हें बहुत दयनीय स्थितियों में कार्य करने हेतु विवश किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दो-दो सप्ताह के टूरिस्ट वीज़े पर दुबई जाने वाली युवतियों की स्थिति भी बेहद दयनीय है। एजेंटों द्वारा उनके पासपोर्ट छीन लिये गये हैं तथा उनके वीज़ों की अवधि भी खत्म हो चुकी है। ऐसे सैकड़ों ही युवक यू.ए.ई. और मस्कट में इधर-उधर भटक रहे हैं तथा बेहद परेशान हैं। विगत समय के दौरान ऐसे बहुत-से युवाओं द्वारा यहां पर आत्महत्याएं भी की गई हैं। ऐसे बहुत-से युवाओं के दस्तावेज़ पूरे करवा कर कई महीनों पूर्व विशेष विमान का प्रबन्ध करके वह उन्हें भारत भी लेकर आये थे। उनके अनुसार बड़ी समस्या यह है कि यदि दुबई तथा मस्कट के भारतीय दूतावास ऐसी स्थितियों में फंसे उदाहरणतया 25 युवक-युवतियों को उनके दस्तावेज़ पूरे करवा कर वापिस भेजता है तो कुछ ही दिनों में 50 के लगभग और युवक-युवतियां वहां जाकर ऐसी समस्याओं में फंस जाते हैं। उन्होंने पंजाब के युवाओं तथा उनके अभिभावकों  को यह परामर्श दिया है कि वे कुछ सप्ताह के लिए टूरिस्ट वीज़े के आधार पर खाड़ी देशों में बिल्कुल न आएं। सिर्फ वर्क परमिट पर ही वहां जाने का कार्यक्रम बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि सरबत का भला ट्रस्ट के पंजाब के भिन्न-भिन्न ज़िलों में 30 कार्यालय हैं, वहां खाड़ी देशों को जाने वाले युवा अपने वर्क परमिटों की जांच भी करवा सकते हैं कि उनके वर्क परमिट सही हैं या नकली हैं। उन्होंने यह भी सलाह दी कि खाड़ी देशों को जाने वाले युवकों को भी मजदूरी की अपेक्षा कोई तकनीकी कार्य का प्रशिक्षण लेकर तकनीकी श्रेणी में ही वहां जाना चाहिए। उससे उन्हें अच्छे पैसे मिल सकते हैं। केवल मज़दूरी करने हेतु जाने वाले युवाओं को बहुत कम वेतन मिलता है, जिस कारण उन्हें कज़र् लेकर वहां जाने से कोई लाभ नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने युवतियों के माता-पिता को स्पष्ट रूप में यह कहा है कि वे रोज़गार की तलाश में युवतियों को बिल्कुल भी खाड़ी देशों में न भेजें, क्योंकि वहां उनके काम करने के लिए हालात अधिक ठीक नहीं हैं और उन्हें अनेक प्रकार के शोषण का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले ही एक युवती ने तो परेशान होकर आत्महत्या भी कर ली थी। 
सामने आए इन तत्थों के मद्देनज़र हमारी यह स्पष्ट राय है कि पंजाब सरकार को लोगों को धोखा देकर या सबज़बाग दिखा कर खाड़ी देशों में युवक-युवतियों को भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। पंजाब के सभी एजेंटों की रजिस्ट्रेशन होनी चाहिए, बिना रजिस्ट्रेशन के किसी भी व्यक्ति को यह कारोबार करने की स्वीकृति नहीं होनी चाहिए। जिन एजेंटों ने गलत जानकारी देकर खाड़ी देशों में युवक-युवतियों को फंसाया है, उनके खिलाफ जिला स्तर पर कार्रवाई करके उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए, क्योंकि यह मानवीय तस्करी का बहुत गम्भीर मामला है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को निजी दिलचस्पी लेकर यह मामला केन्द्र के विदेश विभाग के समक्ष भी उठाना चाहिए तथा जो युवक-युवतियां खाड़ी देशों मे फंसे हुए हैं, उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया तेज़ करवानी चाहिए। इसके अतिरिक्त हवाई अड्डों पर भारत के इमीग्रेशन अधिकारियों को भी सतर्कता बरतनी चाहिए। युवतियां जो दो-दो सप्ताह पर टूरिस्ट वीज़े पर भेजी जा रही हैं, उन्हें समझा कर घर वापिस भेज देना चाहिए ताकि खाड़ी देशों में जाकर वे समस्याओं का शिकार न हों।
आशा करते हैं कि पंजाब तथा केन्द्र सरकार युवक-युवतियों की पंजाब तथा अन्य राज्यों से अवैध ढंग से हो रही इस तस्करी को रोकने के लिए ठोस पग उठाएंगी और इसके साथ ही लोगों को धोखा देकर उनके नौजवान लड़के-लड़कियों को फंसा रहे एजेंटों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने की प्रक्रिया तेज़ करेंगी।