बिगड़ते हालात

पुलिस की हिरासत से दीपक टीनू नामक गैंगस्टर के फरार हो जाने ने एक बार फिर जहां प्रशासन की किरकिरी कराई है, वहीं यह भी चिन्ता उत्पन्न हुई है कि आगामी समय इस मोर्चे पर अतीव चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रसिद्ध गायक शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला को जिस प्रकार घेर कर गोलियों से मारा गया था, उसने स्थिति को और भी अधिक गम्भीर कर दिया था। इससे पूर्व यह बात छिपी नहीं थी कि पंजाब में खतरनाक गैंगस्टरों के गिरोहों की भरमार हो गई है जिनसे कोई भी व्यक्ति स्यवं को सुरक्षित नहीं समझता था। समय के व्यतीत होने के साथ-साथ यह ताना-बाना अत्यदिक उलझ चुका है। इन गिरोहों के तार विदेशों के साथ भी जुड़े हुए हैं। ये गिरोह केवल किसी एक प्रदेश तक ही सीमित नहीं हैं, अपितु इनका जाल देश भर में बुना जा चुका है। इनकी धमकियां मुम्बई, कोलकाता एवं दिल्ली से लेकर हरियाणा तथा पंजाब तक सुनाई देती हैं। 
विगत लम्बी अवधि से इनकी ओर से सभी वर्गों के सम्पन्न लोगों, गायकों एवं खिलाड़ियों आदि को भी अपने निशाने पर लिया गया है। प्रशासन एवं पुलिस इस ताने-बाने को तोड़ नहीं सके क्योंकि जेलों में बैठे गैंगस्टरों का शासन बाहर भी चलता है। भीतर से बैठ कर ही ये अपने द्वारा लक्षित लोगों को निशाना बनाने की शक्ति रखते हैं। जेल की सलाखें भी उनकी सरगर्मियों एंव कार्रवाइयों को नहीं रोक सकीं। सिद्धू मूसेवाला का उदाहरण लिया जाए तो स्पष्ट होता है कि किस प्रकार जेल में से बड़े गैंगस्टरों ने पूरे नियोजित ढंग के साथ विदेशों में बैठे अपने साथियों की सहायता से इस कार्रवाई को सम्पन्न किया। इससे यह भी प्रकट होता है कि ये लोग कुछ भी करने के समर्थ हो सकते हैं। एक प्रकार से इनकी अपनी भिन्न सरकार चल रही है। जिस प्रकार इनकी पहुंच से विदेशों से नशीले पदार्थ आते हैं, जिस प्रकार ये एक बड़े युवा वर्ग को अपने कार्यों में शामिल करने में सफल हो जाते हैं, ये बातें अतीव आश्चर्यचकित एवं परेशान करने वाली हैं। इनकी पहुंच किसी न किसी रूप में पुलिस एवं प्रशासन के साथ-साथ सरकारे-दरबारे भी बन जाती है। यही कारण है कि प्रदेश की पूर्व सरकारों ने भी नशों को खत्म करने एवं इनके लिए उत्तरदायी अपराधियों को कड़ी सज़ाएं देने के चाहे दावे तो किये थे तथा शपथें भी उठाई थीं, परन्तु वे इस विस्तृत जाल को खत्म करने में कामयाब नहीं हुई थीं। मौजूदा सरकार ने भी सत्ता संभालते ही इस संबंध में बड़े-बड़े दावे किये थे, परन्तु वह भी अपने यत्नों में अभी तक सफल नहीं हुई प्रतीत होती। जिस प्रकार लूट-खसूट, चोरी-डकैती तथा हत्याओं की घटनाओं में निरन्तर वृद्धि हो रही है, यह सरकार के लिए भारी चुनौती है, परन्तु हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि गैंगस्टर दीपक टीनू के पुलिस हिरासत में से फरार होने के बाद लारैंस बिश्नोई गैंग की ओर से पंजाब एवं हरियाणा की पुलिस को धमकी देते हुए कहा गया है कि यदि दीपक टीनू को कुछ हुआ तो इसका खमियाज़ा उन्हें भुगतना पड़ेगा। ऐसी धमकियां कोई नई बात नहीं हैं। 
आज फिरौतियां लेने के लिए लोगों को नित्यप्रति धमकियां दी जाती हैं जिनके माध्यम से ये तत्व अपने उद्देश्य में कामयाब हो जाते हैं। लूट-खसूट करने के लिए निरन्तर बैंकों को भी निशाना बनाया जा रहा है जिसके समाचार प्रतिदिन प्रकाशित होते रहते हैं। यदि प्रशासन एवं पुलिस अपने निर्धारित लक्ष्यों में सफल नहीं हो रहे तो उनके मार्ग की बाधाओं को दृष्टिविगत नहीं किया जा सकता। ऐसा प्रतीत होता है कि पंजाब से प्रत्येक पक्ष से लूट-खसूट की जा रही है परन्तु चिन्ता की बात यह भी है कि ऐसी स्थिति को सम्भालने के लिए सरकार की अभी तक कोई पुख्ता नीति सामने नहीं आई जो जनमानस को ढाढस बंधाने वाली हो। 


—बरजिन्दर सिंह हमदर्द