भारतीय क्रिकेट का नया सितारा शुभमन गिल

 

हैदराबाद में न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध पहले एकदिवसीय मैच में 149-गेंदों पर शानदार दोहरा शतक (208 रन) लगाकर शुभमन गिल ने न केवल क्रिकेट प्रेमियों व विशेषज्ञों को मंत्रमुग्ध कर दिया, बल्कि इस साल भारत में होने जा रहे आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप से पहले सलामी बैटर की बहस पर भी विराम लगा दिया। साथ ही रिकॉर्ड तोड़ने वाली अपनी मास्टरक्लास पारी से गिल ने दुनिया को यह भी बता दिया कि वह लड़के से मर्द बन गये हैं। मात्र 23 वर्ष 132 दिन की आयु में दोहरा शतक लगाकर गिल यह कारनामा करने वाले विश्व के सबसे युवा पुरुष बैटर बन गये हैं; उन्होंने ईशान किशन का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 24 वर्ष 145 दिन की आयु में दोहरा शतक लगाया था। इसके साथ ही गिल एकदिवसीय में दोहरा शतक लगाने वाले विश्व के आठवें व भारत के पांचवें बैटर बन गये हैं और सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा (रिकॉर्ड तीन दोहरे शतक), ईशान किशन, क्रिस गेल (वेस्टइंडीज), मार्टिन गुप्तिल (न्यूज़ीलैंड) व फखर ज़मा (पाकिस्तान) की पंक्ति में खड़े हो गये हैं। 
शुभमन गिल न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध एकदिवसीय क्रिकेट की एक पारी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन गये हैं। उनसे पहले न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ स्कोर सचिन तेंदुलकर के 186 नाबाद थे, जो उन्होंने 8 नवम्बर 1999 को हैदराबाद में ही बनाये थे। अपने 19वें एकदिवसीय मैच में 1000 रन पूरे करके गिल ने विराट कोहली व शिखर धवन के संयुक्त भारतीय रिकॉर्ड (24 पारियों में 1000 रन) को भी तोड़ दिया है और अब वह इस सिलसिले में विश्व में इमाम-उल-हक़ (19 पारी) के साथ दूसरे स्थान पर हैं। पहले स्थान पर फखर ज़मा (18 पारी) हैं। लेकिन 19 पारियों में गिल के 68.87 की औसत से 1102 रन फखर ज़मा के इतनी ही पारियों में 72.60 की औसत से 1089 रन से अधिक हैं। अपनी पारी में 9 छक्के लगाकर गिल ने भारतीय रिकॉर्ड भी बनाया और यूसुफ पठान के 7 छक्कों का रिकॉर्ड भी तोड़ा, जो उन्होंने 7 दिसम्बर 2010 को बेंग्लुरु में अपनी 123 नाबाद की पारी में बनाया था।  गौरतलब है कि इस साल 15 जनवरी 2023 को गिल ने श्रीलंका के विरुद्ध 116 रन भी बनाये थे। इसलिए उनके करियर में यह पहली बार बैक-टू-बैक शतक हुए। पिछले महीने ईशान किशन ने पारी की शुरुआत करते हुए बांग्लादेश के विरुद्ध दोहरा शतक लगाया था। इसके बाद उन्हें तीन मैच खेलने का अवसर नहीं मिला। इससे यह बहस छिड़ गई कि आगामी विश्व कप में रोहित शर्मा के साथ किसको सलामी बैटर होना चाहिए। अपने लगातार शतक व दोहरे शतक से गिल ने इस बहस पर विराम लगा दिया है। 50-ओवर विश्व कप में वह ही ओपन करेंगे। गिल के अनुसार, ‘इस (208) पारी का मेरे लिए बहुत अधिक महत्व है। जब मैं सेट हो गया तो मेरा मुख्य फोकस टीम के लिए विकेट पर टिके रहना और जितने संभव हो सकें, उतने रन बनाना था। जब योजना सफल हो जाती है तो अच्छा लगता है। मैंने आक्रमक खेलने का जान बूझकर प्रयास नहीं किया था, बस यह बात थी कि जब सर्किल में अतिरिक्त फील्डर हैं, तो अन्य टीमों की तरह बीच के ओवरों में तेज़ स्कोर किया जाये। दूसरे छोर पर जब विकेट भी गिर रहे थे, तो मेरा फोकस गेंदबाज़ को अपने इरादे स्पष्ट करना था। अगर विकेट गिरने के बाद गेंदबाज़ को बाउंड्री स्कोर करने का तेवर न दिखाए जाएं तो उसके लिए डॉट गेंदें डालना आसान हो जाता है।’
बहरहाल, गिल के लिए यह अब भी उनके करियर के प्रारम्भिक दिन ही हैं। वह इस बात को समझते हैं और यह भी कि अपने खेल में निरंतरता बरकरार रखने से ही वह लम्बे समय तक देश की सेवा कर पायेंगे। वह बताते हैं, ‘निरंतरता मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यही हर चीज़ की कुंजी है। एक बैटर के तौर पर मैं हर फॉर्मेट में इसी का प्रयास करता हूं। अच्छा लगता है, जब बार-बार सफलता मिलती है।’ गिल के कोच बचपन से ही उनके पिता लखविंदर सिंह रहे हैं। गिल का जन्म 8 सितम्बर 1999 को पंजाब के गांव चक खेरे वाला (फाज़िल्का) में हुआ था। उनके पिता उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहते थे। इसलिए वह फाज़िल्का छोड़कर चंडीगढ़ में रहने लगे ताकि उनके बेटे को खेलने की बेहतर सुविधाएं मिलें। इसका लाभ भी मिला। उन्हें युवराज सिंह से मार्ग दर्शन मिलने लगा। 2018 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में गिल भारतीय टीम के उप-कप्तान थे और वह प्लेयर ऑफ द टूर्नामैंट भी रहे। 
31 जनवरी 2019 को उन्हें न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध अपना पहला एकदिवसीय मैच खेलने का अवसर मिला। फिर 26 दिसम्बर 2020 को उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला और 3 जनवरी 2023 को श्रीलंका के विरुद्ध अपना पहला टी-20 अंतर्राष्ट्रीय खेला। गिल के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि उनके पिता ने अपने फार्म पर ही उनके लिए क्रिकेट मैदान व प्रैक्टिस पिच बनायीं। गांव का जो भी लड़का गिल को आउट कर देता तो लखविंदर सिंह उसे 100 रूपये ईनाम में देते। हालांकि प्रोफेशनल क्रिकेटर बनने के लिए गिल गांव से मोहाली आ गये, लेकिन उन्हें अपने गांव से भावनात्मक लगाव है और वह अब भी खेती करना चाहते हैं। लेकिन यह सब अब संभवत: उनके रिटायरमेंट के बाद ही संभव हो सकेगा क्योंकि इस समय तो वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ऊंची उड़ान भर रहे हैं और देश के लिए नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर