तीसरे मोर्चे के गठन के लिए ममता द्वारा कई क्षेत्रीय नेताओं के साथ मुलाकात

क्षेत्रीय फ्रंट के गठन को लेकर राजनीतिक हलचल तेज़ हो रही है, विशेष रूप से पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी की समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मुलाकात हुई, जिसमें दोनों ने एकजुट होने की सम्भावनाएं ढूंढने पर चर्चा की। राजनीतिक पार्टियों ने कांग्रेस तथा भाजपा दोनों का विरोध किया, जबकि अन्य संगठनों तक सम्पर्क जारी रखा। हालांकि ममता बैनर्जी ने उड़ीसा के अपने समकक्ष नवीन पटनायक के साथ भेंट की तथा उन्होंने इस भेंट को शिष्टाचारी भेंट बताया। उड़ीसा के मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि बैठक के दौरान कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। बताया जा रहा है कि पटनायक भाजपा से बहुत दुखी हैं तथा उनकी पार्टी बीजू जनता दल को 2024 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। हालांकि यदि संख्या ने इसकी इजाज़त दी तो पटनायक 2024 के चुनावों के बाद एक ़गैर-भाजपा सरकार का समर्थन करने के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। इसी तरह ममता बैनर्जी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रैड्डी के साथ बात करने की योजना बनाई है, जो कांग्रेस तथा भाजपा से एक समान दूरी पर रहना पसंद करते हैं। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, भारत राष्ट्र समिति तथा कुछ अन्य छोटी पार्टियां 6 अप्रैल से पहले दिल्ली में एक बैठक करने की योजना बना रही हैं ताकि भविष्य के लिए कोई रणनीति तैयार की जा सके।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां
भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ने मध्य प्रदेश में सत्ता वापिसी के लिए अपने-अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा की नज़रें छिंदवाड़ा लोकसभा सीट तथा मध्य प्रदेश के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों पर टिकी हुई हैं। सीटें जीतने के लिए मैदान तैयार करने के लिए पार्टी छिंदवाड़ा पर अधिक  ध्यान दे रही है। इस सन्दर्भ में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह 25 मार्च को छिंदवाड़ा से चुनावों का बिगुल बजाएंगे। इस दौरान शाह आदिवासियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ अस्थान आंचल कुंड धाम का दौरा करेंगे, जहां वह स्थानीय संतों को मिलने की योजना बना रहे हैं। कबायली बहुसंख्यक वाला छिंदवाड़ा ज़िला चार दशकों से अधिक समय से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, जो मौजूदा समय में कांग्रेस के प्रांतीय इकाई के अध्यक्ष हैं, का घरेलू क्षेत्र रहा है। मध्य प्रदेश के 29 क्षेत्रों में से छिंदवाड़ा लोकसभा सीट एकमात्र सीट थी, जहां कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत प्राप्त करने में सफल रही थी, यहां से कमलनाथ के बेटे नकुल ने 37000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस बुंदेलखंड, मालवा तथा विंधिया क्षेत्र पर अधिक ध्यान दे रही है। कांग्रेस महिला मतदाताओं पर नज़र रख रही है तथा इसे मुख्य रख कर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घोषणा की कि यदि उनकी पार्टी इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश में पुन: सरकार बनाती है तो उन्हें 1000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। महिलाओं को हर वर्ष 18000 रुपए दिए जाएंगे तथा यह ‘विश्व की सबसे बड़ी महिला सशक्तिकरण योजना’ होगी। कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नाम पर महिलाओं के लिए प्रियदर्शनी शीर्षक वाले घोषणा-पत्र की भी घोषणा की है, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा, सामाजिक-आर्थिक मज़बूती के साथ-साथ कई अन्य पहलकदमियों के लिए विशेष प्रबन्ध हैं।
मुख्यमंत्री बघेल से नाराज़ हैं राहुल!
कांग्रेस के 85वें पूर्ण अधिवेशन की समाप्ति के साथ ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अ़फवाहों का दौर चल रहा है कि वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बहुत नाराज़ हैं। राहुल गांधी कथित तौर पर प्रदेश सरकार में अपनी उच्च स्तरीय कार्यशैली से ज्यादा खुश नहीं हैं तथा भूपेश बघेल तथा प्रदेश मंत्री टी.एस. सिंह देव के बीच पिछले कुछ वर्षों से चल रही सत्ता की लड़ाई के कारण, जोकि दोनों के बीच अभी भी जारी है। बघेल तथा देव दोनों पक्ष अपनी-अपनी सूची बना रहे हैं तथा छत्तीसगढ़ के आने वाले विधानसभा चुनावों में टिकटों के वितरण में अधिक से अधिक हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। दूसरी तरफ प्रियंका गांधी का पूरा समर्थन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ है तथा वह छत्तीसगढ़ सरकार के काम की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा भी कर चुकी हैं। 
भाजपा तथा कांग्रेस में टिकटों को लेकर गुटबंदी
कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां पूरी होने के साथ ही टिकटों के लिए कांग्रेस तथा भाजपा के भीतर ज़ोरदार पैरवी शुरू हो गई है। उम्मीदवारों की कारगुज़ारी का मूल्यांकन करने के लिए भाजपा ने कर्नाटक के सभी 224 विधानसभा क्षेत्रों में ‘प्रभारी’ तैनात कर दिए हैं। इन अधिकारियों को प्रदेश चुनाव समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपने का अधिकार दिया गया है जिसके बाद केन्द्रीय चयन टीम कोई अंतिम फैसला लेगी। भाजपा के प्रति परिवार एक टिकट के फार्मूले की पालना करेगी। फार्मूले पर कायम रहते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे, बी.वाई. विजयेन्द्र, जो कि भाजपा की प्रांतीय इकाई के उपाध्यक्ष भी हैं, शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र से अपने पिता का स्थान ले सकते हैं। दूसरी तरफ कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (के.पी.सी.सी.) के नेताओं ने पार्टी की चुनावी रणनीति के संबंध में चर्चा करने तथा उम्मीदवारों की पहली सूची को अंतिम देने के लिए नई दिल्ली में पार्टी के उच्च अधिकारियों के साथ बातचीत की। कनार्टक विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची शीघ्र ही घोषित की जाएगी। (आई.पी.ए.)