अति निंदनीय घटनाक्रम

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविन्द केजरीवाल के घर ‘आप’ की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ घटित हुये घटनाक्रम ने जहां पहले ही अनेक तरह के विवादों में घिरे केजरीवाल की मुश्किलों में और वृद्धि की है, वहीं उठा यह विवाद बिल्कुल चुनावों के समय आम आदमी पार्टी पर भारी पड़ सकता है। पहले भी अनेक बार नई बनी यह पार्टी जो पहले दिल्ली के चुनाव जीती तथा 2 वर्ष पूर्व यह पंजाब के विधानसभा चुनावों में भी बड़ी जीत प्राप्त करके प्रशासन चला रही है, इस पार्टी का जन्म समाज-सेवक अन्ना हज़ारे की ओर से वर्ष 2011 में भारत में भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन में से हुआ था। अन्ना हज़ारे के इन्कार करने के बाद भी केजरीवाल तथा उनके साथियों ने राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर दी थी।
अन्ना हज़ारे आज भी उनके विरोध में खड़े दिखाई दे रहे हैं। समय-समय अरविन्द केजरीवाल को उनके बहुत-से नज़दीकी साथी उनकी कारगुज़ारी से निराश होकर छोड़ते गये परन्तु केजरीवाल की राजनीतिक इच्छाओं में वृद्धि होती गई। राजनीति  की सीढ़ी चढ़ने के लिए उन्होंने अन्ना हज़ारे द्वारा चलाये गये आन्दोलन को भी भुला दिया तथा अवसरवादी नीतियों को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी, क्योंकि वह किसी भी तरह इस सीढ़ी के शिखर के पायदान तक पहुंचना चाहते थे। दिल्ली के लोगों ने बार-बार उन पर तथा उनकी नई पार्टी पर विश्वास किया। पंजाब वासियों ने भी उनकी ओर से दिखाये गये सपनों को अपने मन में बसा लिया परन्तु धीरे-धीरे उन पर डाले गये भ्रम का पर्दा उठना शुरू हो गया। स्वाति मालीवाल भी केजरीवाल के कुछेक रह गये पहले साथियों में से एक हैं, जो पहले इस आन्दोलन के साथ भी जुड़ी रहीं तथा बाद में भी वह केजरीवाल तथा आम आदमी पार्टी का एक अहम हिस्सा बनी रहीं। उन्होंने जुलाई, 2015 से लेकर जनवरी 2024 तक दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख के रूप में काम किया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं को दरपेश समस्याओं की गम्भीरता से जानकारी लेती रहीं तथा महिलाओं के अधिकारों तथा हितों की रक्षा के लिए लगातार सक्रिय भी रहीं और लड़ाई भी लड़ती रहीं। आज वह आम आदमी पार्टी की ओर से ही राज्यसभा सांसद है, परन्तु विगत दिवस जो कुछ उनके साथ घटित हुआ है, उस पर विश्वास करना कठिन प्रतीत होता है। महिलाओं के अधिकारों एवं हितों के लिए लगातार लड़ती रही स्वाति के साथ उनकी पार्टी के अपने ही मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के घर में जिस तरह का दुर्व्यव्हार किया गया वह घिनौना भी है तथा अति निंदनीय भी है। मुख्यमंत्री के निवास स्थान पर मुख्यमंत्री के पी.ए. व नज़दीकी साथी बिभव कुमार की ओर से जिस तरह स्वाति मालीवाल से मारपीट की गई, वह बेहद निंदाजनक है।
इस पद पर पहुंची महिला के प्रति जो दरिन्दगी बिभव कुमार द्वारा दिखाई गई, वह असहनीय है। पुलिस को दी शिकायत में स्वाति ने यह कहा कि बिभव कुमार की ओर से उसके लगातार चांटे तथा टागें मारी गईं। स्वाति के अनुसार उसने बार-बार बिभव कुमार को ऐसा न करने से रोका तथा अपनी शारीरिक पीड़ा भी बताई परन्तु उसने इसकी परवाह न की तथा उसकी चीखों को भी घर में मौजूद केजरीवाल तथा न ही किसी अन्य ने सुना। उससे मारपीट करते हुए बिभव लगातार यह कहता रहा कि तुम हमारी बात कैसे नहीं मानेगी, तेरी औकात ही क्या है कि तुम हमें इन्कार करे, तुम अपने-आप को क्या समझती हो। तुझे तो हम सबक सिखा देंगे। उसके सीने, पेट तथा शरीर के निचले हिस्सों पर बिभव कुमार ने लगातार लातें मारीं। बेहद पीड़ा तथा परेशानी की हालत में उसने वहीं से पुलिस को मदद के लिए फोन किया। इसी हालत में ही वह पुलिस स्टेशन भी पहुंची परन्तु बेहद दर्द होने तथा स्वयं को सम्भाल न पाने के कारण वह लिखित शिकायत दिये बिना ही अपने घर वापिस लौट गईं। काफी देर तक वह इस दर्द तथा भय की हालत में घर के भीतर बंद रहीं। 
अंत में इस घटना के घटित होने के दूसरे दिन ही आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने एक प्रैस कांफ्रैंस में माना कि स्वाति के साथ एक बेहद निंदनीय घटना घटित हुई है। मुख्यमंत्री के निवास स्थान पर विभव कुमार की ओर से दुर्व्यवहार किया गया, जिसकी वह निंदा करते हैं और यह भी कि केजरीवाल ने इस घटना का संज्ञान लिया है और इस संबंधी कड़ी कार्रवाई की जाएगी, परन्तु इसके बाद पार्टी की ओर से कार्रवाई नहीं की गई और सोमवार को घटित इस घटना के बाद वीरवार को अरविन्द केजरीवाल बिभव कुमार पर कोई कार्रवाई करने की बजाय उसे तथा संजय सिंह को साथ लेकर चुनाव प्रचार पर चले गए। जब केजरीवाल लखनऊ में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के साथ प्रैस कांफ्रैंस में बड़ा राजनीतिक संदेश देने का यत्न कर रहे थे तो मालीवाल संबंधी पूछे गए सवालों का वह कोई जवाब नहीं दे सके और उनके संदेश इस विवाद में ही गुम हो गये। इससे साफ ज़ाहिर होता है कि केजरीवाल को अपनी महिला साथी के साथ किए गए अमानवीय एवं निंदनीय व्यवहार की कोई परवाह नहीं थी। अभी तक उन्होंने इस घटना संबंधी अपना मुंह तक नहीं खोला।
अब जब स्वाति मालीवाल की विस्तार में लिखित शिकायत के बाद बिभव कुमार पर सख्त धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और इस घटना से मुख्यमंत्री भी विवाद में फंस गए हैं तो ऐसा दृश्य बनता दिखाई दे रहा है जिसमें केजरीवाल तथा उनके साथियों द्वारा अपनी पार्टी के लिए किया जाने वाला प्रचार भी अर्थहीन होकर रह जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम ने ‘आप’ नेताओं के महिला के सम्मान के प्रति दृष्टिकोण की सच्चाई समाज के सामने ला दी है, जिससे उठे तूफान में यह पार्टी बड़े भंवर में फंसी दिखाई दे रही है जिसमें से निकलना इसके लिए बेहद कठिन होगा। 

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द