पौधे सूरज की ओर रुख क्यों करते हैं?

‘दीदी, आपने नोट किया कि हमारे घर के गार्डन में जो अमरुद का पेड़ है वह एक तरफ को झुकता चला जा रहा है।’
‘हां, वह सूर्य की रोशनी की तरफ मुड़ रहा है।’
‘क्यों?’
‘अगर पौधे ऐसा नहीं करेंगे तो वह जीवित नहीं रहेंगे, मर जायेंगे।’
‘क्यों? ऐसा क्यों होगा?’
‘चूंकि उनके पास फूड नहीं होने का। पूरे पौधे के लिए पत्तियां शुगर के रूप में फूड का उत्पादन करती हैं। पत्तियों में एक विशेष हरा पदार्थ होता है, जो उन्हें फूड उत्पादन में मदद करता है।’
‘मैं जानता हूं, उसे क्लोरोफिल कहते हैं।’
‘ठीक कहा। क्लोरोफिल शुगर का उत्पादन केवल लाइट की मौजूदगी में ही करता है। इस फूड-उत्पादन प्रक्रिया को फोटोसिंथेसिस कहते हैं, जिसका अर्थ है ‘लाइट के साथ तालमेल करना’।’
‘तो इसलिए पौधों को अपनी पत्तियां सूर्य की रोशनी की ओर मोड़नी पड़ती हैं।’
‘जी।’
‘लेकिन पौधे ऐसा कैसे कर लेते हैं?’
‘बोटानिस्ट्स कहते हैं कि पौधे फोटोट्रोपिक होते हैं कि वह लाइट की ओर मुड़ते हैं।’
‘मगर कैसे?’
‘पौधों की कोशिकाओं में औक्सिन नामक एक विकास पदार्थ होता है। यह पदार्थ रोशनी से दूर भागता है। जब पौधा लाइट में नहीं होता है तो औक्सिन कोशिकाओं में तने की उस साइड जमा हो जाते हैं जो लाइट से दूर होता है। औक्सिन के कारण वह कोशिकाएं जो रोशन साइड की तरफ नहीं होतीं अधिक तेज़ी से विकास करने लगती हैं। इससे पौधा लाइट की ओर झुक जाता है।’
‘लेकिन यह होता हुआ दिखायी तो नहीं देता।’
‘वह इसलिए क्योंकि पौधों की मूवमेंट आमतौर से बहुत धीमी होती है कि दिखायी नहीं देती, लेकिन तथ्य यह है कि पत्ते, फूल व तने निरंतर मूव करते रहते हैं, भले ही हवा न चल रही हो। कुछ पौधे बहुत तेज़ भी मूव करते हैं, जैसे कद्दू की बेल 10 मिनट में अपनी सपोर्ट के गिर्द घेरा बना लेती है।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर