बरसात के मौसम में इन बातों का रखें ख्याल
बरसात में कई बार छत टूटी होने के कारण पानी टपकता है, जिससे बहुत परेशानी होती है। इसलिए समय से छत की या अन्य छोटी-मोटी मरम्मत करा दें।
८ आसपास की नालिया, गट्टर इत्यादि यदि बंद हों तो उन्हें साफ करा लें। इसके अतिरिक्त मेन होल इत्यादि की भी संबंधित संस्था द्वारा सफाई करा लें। इससे पानी रुकने का भय नहीं रहेगा।
८ बरसात में पैर गीले रहने से उंगलियां आसपास से गल जाती हैं। इसलिए पैरों को साफ एवं सूखा रखें।
८ बरसातों में कीट, पतंगों व मच्छरों की भरमार रहती है, जो कई बीमारियों के कारण हैं। इसलिए इन्हें मारने के लिए समय-समय पर कीटनाशक दवा का प्रयोग करते रहना चाहिए।
८ महिलाएं बाहर जाते समय मोटे कपड़े पहनें, क्योंकि पतले कपड़े बरसातों में भीगकर बदन से चिपक जाते हैं, जिससे स्थिति असहज हो जाती है।
८ बरसात में अक्सर देखा जाता है कि अचानक उड़ने वाले पतंगों के झुंड के झुंड आ जाते हैं तथा रोशनी के आसपास मंडराते हैं। इसलिए इन्हें भगाने के लिए एक प्याज को चाकू से गोद कर रोशनी के पास लटका दें। पतंगें अपने आप भाग जाएंगे।
८ बरसात में अक्सर परदों के छल्लों पर जंग लग जाता है, इसलिए इनका विशेष ध्यान रखें। जंग लग जाने पर इसे अच्छी तरह साफ करके लगाएं या नए छल्ले अथवा प्लास्टिक के छल्ले लगा लें। इनसे परदे खराब होने से बच जाएंगे।
८ लोहे के दरवाजों, खिड़कियों, जालियों इत्यादि पर पहले से ही रंग करवा लें अन्यथा इन पर जंग लगने का भय रहता है।
यदि हम इन छोटी-मोटी बातों का ध्यान रखें एवं समय से पहले ही सावधानी रखें तो बरसात का मौसम मुसीबत नहीं लगेगा और बगैर कठिनाई के बड़े मजे एवं आनंद से बीतेगा। (सुमन सागर)