कांग्रेस वित्त, गृह संबंधी स्थायी कमेटी की अध्यक्षता की करेगी मांग

22 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलने वाले संसद के आने वाले अधिवेशन में कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन.डी.ए.) सरकार के सामने वित्त और गृह संबंधी स्थायी समिति के नेतृत्व की मांग रखेगी, जैसे कि अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकारों के दौरान इन दोनों कमेटियों की अध्यक्षता मुख्य विपक्षी दल को दी गई थी। इस अधिवेशन में सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद अपना पहला पूर्ण बजट, आर्थिक सर्वेक्षण और संभावित तौर पर कई महत्वपूर्ण वैधानिक कार्यों को पेश करेगी। भाजपा के दो प्रमुख सहयोगियों तेलुगू देशम पार्टी (टी.डी.पी.) और जनता दल यूनाइटेड (जे.डी.यू.) भी अपने राज्यों की योजनाओं और विकास के लिए धन की मांग के संबंध में बजट की प्रतीक्षा कर रहे होंगे।
के. केशव राव का राज्यसभा से इस्तीफा
कांग्रेस में वापसी करने के बाद, वरिष्ठ नेता के. केशव राव ने बी.आर.एस. की टिकट पर जीती राज्यसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है, उन्होंने कहा कि उनके अनुसार, नैतिक और कानूनी तौर पर इसको जारी रखना सही नहीं है और उनके इस्तीफे के साथ कांग्रेस उच्च सदन में विपक्षी दल के नेता का दर्जा पाने के लिए तेलंगाना में से किसी भी राज्यसभा में नामांकन कर सकते हैं। दूसरी तरफ राव को कैबिनेट की स्थिति के साथ तेलंगाना सरकार (सार्वजनिक मामले) के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। केशव राव अविभाजन आंध्र प्रदेश में पी.सी.सी. के पूर्व अध्यक्ष थे। 2006 में वह पहली बार कांग्रेस से राज्यसभा के लिए चुने गए। 2013 में वह बी.आर.एस. में शामिल हो गए और 2014 में दूसरे कार्यकाल और फिर 2020 में राज्यसभा के लिए चुने गए।
हरियाणा में इनैलो-बसपा का गठबंधन
मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी, जिससे संकेत मिलता है कि उसकी मूल दलित वोट अन्य पार्टियों के हाथों में चली गई है। अब बसपा ने इस वर्ष के अंत में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए इंडियन नैशनल लोकदल (इनैलो) के साथ गठबंधन किया है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने वीरवार को इस गठबंधन का ऐलान किया। गठबंधन के नेताओं ने इनैलो नेता अभय चौटाला को अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर पेश करने का भी फैसला किया है। इस व्यवस्था के तहत, हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 37 सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी, जबकि बाकी सीटें हरियाणा में अपने वरिष्ठ सहयोगियों के लिए छोड़ेगी, जहां सत्तारूढ़ भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की उम्मीद कर रही है। घोषणा के तुरंत बाद मायावती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि बसपा और इनैलो जनविरोधी दलों को हराने और नयी गठबंधन सरकार बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे। दोनों दलों ने हरियाणा में 2024 के लोकसभा चुनाव अलग-अलग लड़े थे और बहुत खराब प्रदर्शन किया था। इनैलो ने प्रदेश में 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि बसपा ने 9 संसदीय क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे थे। आम चुनाव में हरियाणा में इनैलो की वोट प्रतिशत 1.74 प्रतिशत थी, जबकि बसपा की वोट प्रतिशत 1.28 प्रतिशत थी।
पुन: शुरू होगा किसान आंदोलन
2020-21 के विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एस.के.एम.) ने ऐलान किया है कि वह एम.एस.पी. और कज़र् माफी की कानूनी गारंटी सहित अपनी लटकी हुई मांगों को लेकर अपना आंदोलन पुन: शुरू करेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा में विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी को मांग-पत्र सौंपेंगे। एस.के.एम. ने कहा कि संगठन 9 अगस्त को सभी सांसदों को संशोधित किया 15 सूत्रीय मांग-पत्र सौंपेगा और अपनी मांगों के समर्थन के लिए चुनाव वाले राज्यों महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के साथ-साथ देशभर में प्रदर्शन कर ‘भारत छोड़ो दिवस’ को ‘कार्पोरेट्स भारत छोड़ो दिवस’ के रूप में मनाएगा। (आई.पी.ए.)