कांग्रेस पार्टी हिमाचल इकाई में करेगी फेरबदल

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने राज्य विधानसभा तथा आम चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भंग कर दिया है, अब अगला बड़ा बदलाव हिमाचल प्रदेश में होने वाला है, क्योंकि कांग्रेस हाईकमान प्रदेश संगठन के प्रभारी को बदलना चाहती है, क्योंकि प्रदेश में पार्टी संसदीय चुनावों में चार में से एक भी सीट जीतने में असफल रही थी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में राज्यसभा सीट जीतने के लिए संख्या होने के बावजूद कांग्रेस हार गई। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस हाईकमान राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला से नाराज़ है, जो संगठनात्मक मामलों से क्रिकेट मामलों में अधिक रुचि रखते दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में राजीव शुक्ला अपने परिवार के साथ अनंत-राधिका के विवाह समारोह में शामिल हुए थे। हालांकि मुकेश अम्बानी ने गांधी परिवार को अपने छोटे बेटे के विवाह में निजी तौर पर निमंत्रण दिया था, परन्तु गांधी परिवार का कोई भी सदस्य विवाह या रिसैप्शन पार्टी में शामिल नहीं हुआ था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहले ही फेरबदल के लिए ज़मीनी कार्य पूर्ण कर लिए थे और यह उनके द्वारा तय किए गए उचित समय पर लागू किए जाएंगे। 
‘इंडिया’ गठबंधन, वाई.एस.आर.सी.पी. तथा बी.जे.डी.
वाई.एस.आर. कांग्रेस पार्टी (वाई.एस.आर.सी.पी.) तथा बी.जे.डी. अपने-अपने राज्यों आंध्र प्रदेश तथा ओडिशा में विधानसभा चुनाव हार गए हैं। अब दोनों पार्टियां ‘इंडिया’ गठबंधन के निकट आने के संकेत दे रही हैं, क्योंकि यह पहली बार है, जब वाई.एस.आर.सी.पी. ने लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद ‘इंडिया’ गठबंधन को देने का मुद्दा उठाया है। वाई.एस.आर.सी.पी. के महासचिव तथा राज्यसभा ने नेता वी. विजय साईं रैड्डी ने एन.डी.ए. सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान यह मांग रखी। साईं ने वीरवार को राज्यसभा में केन्द्रीय बजट की भी आलोचना की और कहा कि इसमें मध्यवर्ग के लिए कुछ नहीं है। सिर्फ वाई.एस.आर.सी.पी. ही नहीं, अपितु बी.जे.डी. ने भी इसी प्रकार का बदलाव दिखाया है। 24 जुलाई को जब ‘इंडिया’ गठबंधन ने भेदभावपूर्ण बजट का विरोध करने के लिए राज्यसभा में हंगामा किया तो बी.जे.डी. ने भी उनका साथ दिया। हालांकि दोनों पार्टियां कांग्रेस से दूरी बनाए हुए हैं।
सोनिया गांधी तथा जया बच्चन की निकटता
विगत समय में गांधी तथा बच्चन परिवार की मित्रता की चर्चा हर तरफ होती रही थी, जो गत सदी में कटुता में बदल गई थी, परन्तु कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी द्वारा समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सदस्य जया बच्चन के बुधवार को संसद पहुंचने पर  मिलने के बाद इसमें कुछ नरमी देखने को मिल सकती है। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केन्द्रीय बजट के खिलाफ विपक्ष के विरोध में शामिल होने से पहले दोनों ने बड़े प्यार से एक-दूसरे को बुलाया। उनके साथ टी.एम.सी. के सांसद डैरेक ओ’ब्राइन भी थे। एक समय था, जब गांधी तथा बच्चन परिवार के बीच गहन मित्रता थी, जो धीरे-धीरे वर्षों से फीकी पड़ गई। ज़ाहिर तौर पर यह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का सुझाव था कि अमिताभ बच्चन 1984 में इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव लड़़े और वह जीते। हालांकि बोफोर्स घोटाले में आरोपों के दौरान अभिनेता से नेता बने बच्चन ने अपनी संसदीय सदस्यता से त्याग-पत्र दे दिया। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि राजीव गांधी बहुत निराश थे और बाद में उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ बातचीत करनी बंद कर दी , जिससे उनके परिवारों के रिश्तों में तनाव आ गया।
एस.पी. मौर्य की सपा में वापिसी की सम्भावना
चर्चा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी में वापिस आ सकते हैं। फरवरी में सपा से एम.एल.सी. पद से इस्पीफा देने के बाद मौर्य ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में शोषित समाज पार्टी के बैनर तले कुशीनगर से आज़ाद चुनाव लड़ा था, परन्तु वह हार गए थे। मौर्य योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने भगवा खेमे पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओ.बी.सी.) के साथ अन्याय का आरोप लगाया था। मौर्य 1996-2016 के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य रहे और मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रमुख मंत्रालयों को संभाला और 2012 से 2016 तक विपक्ष के नेता रहे।   
राहुल गांधी को मिला किसानों का प्रतिनिधिमंडल
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु तथा कर्नाटक के किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को संसद भवन परिसर में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ मुलाकात की और राहुल गांधी ने उन्हें बताया कि ‘इंडिया’ गठबंधन एम.एस.पी. की कानूनी गारंटी के मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाएगा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया कि जिन किसान नेताओं को उन्होंने मिलने के लिए आमंत्रित किया था, उन्हें पहले संसद के भीतर दाखिल होने से रोक दिया गया था। 
गांधी के हस्तक्षेप करने तथा उनसे मिलने के लिए बाहर जाने का फैसला करने के बाद ही किसानों को भीतर जाने की अनुमति दी गई। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) तथा किसान-मज़दूर मोर्चा के नेताओं ने देश भर में केन्द्र सरकार का पुतला जलाने तथा एम.एस.पी. की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर नये सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की। उन्होंने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर एक देशव्यापी ट्रैक्टर रैली करने की भी योजना बनाई है। (आई.पी.ए.)