मोदी की फ्रांस-अमरीका यात्रा से मिले नए संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय अमरीका यात्रा को विशेष माने जाने के एक नहीं, कई कारण रहे। यह दो बहुत अच्छे दोस्तों को बेहद टफ नेगोशिएटर की भूमिका में देखने का एक दिलचस्प मौका तो थी ही, प्रतिकूल लगते हालात को अनुकूल नतीजों की ओर मोड़ने का कौशल भी इस यात्रा में बेहतरीन अंदाज में नज़र आया। हालांकि प्रधानमंत्री इस बार राजकीय यात्रा पर नहीं गए थे, मगर डोनाल्ड ट्रम्प ने उनके साथ पूरी गरमजोशी दिखाई। इस मुलाकात में कई तरह के भ्रम भी दूर हुए। प्रधानमंत्री की इस बार की अमरीका यात्रा कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण कही जा सकती है। इसी तरफ फ्रांस यात्रा में भारत और फ्रांस के बीच दस समझौते हुए है यानि प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस और अमरीकी यात्रा कई मायने में महत्वपूर्ण साबित हुई।
कुछ लोग कयास लगा रहे थे कि ट्रम्प जिस तरह कुछ देशों के साथ व्यापार पर अतिरिक्त शुल्क थोप रहे हैं और अमरीकी हितों को तरजीह दे रहे हैं, उसमें भारत के साथ भी व्यापार प्रभावित हो सकता है। मगर ट्रम्प ने इस कयास को साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि जो देश जितना शुल्क लगाएगा अमरीका भी उस पर उतना ही शुल्क लगाएगा, न कम न ज्यादा। इसका साथ ही उन्होंने भारत सरकार के इस फैसले की तारीफ की कि उसने अनावश्यक शुल्क हटाना शुरू कर दिया है। जिससे भारतीय बाज़ार में अमरीका की पहुंच कुछ और बढ़ेगी। दोनों देशों ने प्रतिरक्षा, तेल-गैस, नागरिक परमाणु ऊर्जा सहयोग, आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग और प्रतिरक्षा खरीद मामलों ने महत्त्वपूर्ण समझौते किए। अमरीका भारत को एफ-35 युद्धक विमान बेचने का इच्छुक है। भारत ने इस पर सहमति दे दी है। हालांकि इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक हस्ताक्षर नहीं हुए हैं, परन्तु भारत मानता है कि इस विमान की खरीद से उसकी सामरिक शक्ति बढ़ेगी। अमरीका ने भरोसा दिलाया है कि वह भारत की नागरिक परमाणु ऊर्जा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करेगा और हर सहयोग उपलब्ध कराएगा। वह भारत की तेल और गैस संबंधी ज़रूरतों को पूरा करेगा। दरअसल, भारत की चिंता कच्चे तेल की अधिक रहती है। रूस-यूक्रेन और इज़रायल-फिलस्तीन संघर्ष के बीच आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई, तो कच्चे तेल के मामले में भारत ने रूस से सहयोग लेना शुरू कर दिया। अब अमरीका से इस क्षेत्र में सहयोग मिलेगा, तो निश्चय ही उस पर दबाव कुछ कम होगा। निश्चय ही यह अमरीका के फैसले के प्रति सकारात्मक रुख है। सबसे अधिक चिंता व्यापार पर अतिरिक्त शुल्क लगाने से भारत के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की चिंता जताई जा रही थी, मगर उस चिंता को दूर करते हुए दोनों देशों ने भरोसा दिलाया है कि वे 2030 तक आपने व्यापार को दोगुना करेंगे। इससे न केवल दोनों देशों का व्यापार घाटा कम होगा, बल्कि दोनों का बाज़ार और विस्तृत होगा। अमरीका के साथ भारत के संबंधों में जिस गतिरोध की आशंका जताई जा रही थी, वह समाप्त हो गई है।
यही नही जो थोड़ी-बहुत कसर बाकी थी, वह भी आपसी मुलाकात से ठीक पहले राष्ट्रपति ट्रम्प के इस ऐलान से पूरी हो गई कि अमरीका समान टैरिफ की पॉलिसी पर चलेगा। इस माहौल में तनाव को हावी होने दिए बगैर प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह से अपने अजेंडे पर केंद्रित रहे। उन्होंने न केवल ट्रम्प की तारीफ की बल्कि उनके प्रिय नारे ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ की तर्ज पर अपना नारा ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ पेश किया। उन्होंने यह कहने में भी संकोच नहीं किया कि राष्ट्रपति ट्रम्प की तरह वह भी अपने राष्ट्रहित का अनुसरण करेंगे। इस कूटनीतिक का नतीजा था कि जो माहौल टकराव की ओर जाता दिख रहा था, वह सहयोग बढ़ाने के प्रयासों की ओर केंद्रित हो गया।
सबसे खास बात यह कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत और अमरीका लंबे समय से सहयोगी रहे हैं। मुम्बई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर अमरीका ने सकारात्मक रुख दिखाया है, उससे दोनों के रिश्ते और प्रगाढ़ हुए हैं। इसका सीधा असर पाकिस्तान और उसके आका चीन पर पड़ेगा। अवैध आप्रवासन को लेकर अमरीका की चिंता पर भारत ने कहा कि वह अपने नागरिकों को वापस लेने को तैयार है, बेशक उन्हें ससम्मान वापस भेजा जाए। यही नहीं, प्रधानमंत्री ने उन मानव तस्करों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाने का वादा किया, जो भारत से लोगों को बरगला या बहला कर दूसरे देशों में ले जाते हैं। मुम्बई आतंकी हमले के एक साज़िशकर्ता तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का राष्ट्रपति ट्रम्प ने वहीं ऐलान भी कर दिया। निश्चित रूप से दोनों देशों के बीच के कई समीकरण आने वाले दिनों में नया आकार लेंगे, लेकिन मोदी की यात्रा ने इस उम्मीद को ठोस आधार दे दिया है कि सहयोग के स्वरूप में जो भी बदलाव हो, रिश्ता बेहतर ही होता जाएगा।
इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक फ्रांस यात्रा नई दिल्ली और पेरिस के रिश्तों को मजबूत करने वाली साबित हुई है। इस दौरान दोनों देशों ने 10 एमओयू, समझौतों जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर भारत-फ्रांस घोषणापत्र, भारत-फ्रांस इनोवेशन ईयर के लिए 2026 के लिए लोगों की लॉन्चिंग, फ्रांसीसी स्टार्ट-अप इनक्यूबेटर स्टेशन एफ में 10 भारतीय स्टार्ट-अप की मेज़बानी के लिए समझौता, उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टरों और लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों पर साझेदारी स्थापित करने के उद्देश्य की घोषणा, त्रिकोणीय विकास संबंधी सहयोग की घोषणा, मार्सिले में भारत के वाणिज्य दूतावास का संयुक्त उद्घाटन शामिल हैं।