मध्यपूर्व के भयानक युद्ध को रोकना ज़रूरी
इस समय दुनिया गड़बड़ियों से ग्रस्त दिखाई दे रही है। बहुत से स्थानों पर कई देशों के मध्य अलग-अलग कारणों के कारण खूनी युद्ध चल रहा है। इस भड़के हुए माहौल में हो रहे दो युद्ध बेहद खतरनाक और तबाहीजनक बन चले हैं, जिसके कारण किसी भी समय विश्व युद्ध छिड़ सकता है। बेहद खतरनाक और घातक हथियारों के ढेर लगे होने के कारण यदि ऐसा होता है तो यह धरती की तबाही को न्यौता देने वाली बात होगी। रूस और यूक्रेन के युद्ध को चलते हुए साढ़े तीन वर्ष का समय हो चुका है। अब तक यूक्रेन की धरती पर बहुत खून बह चुका है। आगामी समय में भी इसके खत्म होने की किरण दिखाई नहीं देती।
अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जब 20 जनवरी, 2025 को राष्ट्रपति का पद संभाला था और इससे पहले भी अनेक बार उन्होंने यह बयान दिए थे कि वह इन दोनों देशों के मध्य युद्ध को समाप्त करवाने की समर्था रखते हैं। अब तक ट्रम्प ने इस ओर यत्न भी किए हैं परन्तु उनके बयानों और नीतियों से यह प्रभाव नहीं मिला कि ऐसे युद्ध समाप्त करवाना उनके बस की बात हो सकती है। बल्कि वह अपनी एक तरफ की नीतियों के कारण इन युद्धों को वह और भी खतरनाक किनारे पर ला सकते हैं। मध्यपूर्व में इज़रायल और गाज़ा पट्टी पर काबिज़ हमास के लड़ाकों के युद्ध को चलते हुए डेढ़ वर्ष के लगभग समय हो चुका है। यहां यह युद्ध इन दोनों ताकतों में है, वहीं गाज़ा पट्टी के फिलिस्तीनियों के लिए यह तबाही को न्यौता देने वाली बात है। पिछले 7 दशकों से छोटी सी गाज़ा पट्टी में रह रहे 20 लाख से अधिक फिलिस्तीनी बड़ा संताप झेल रहे हैं। हमास एक लड़ाकू संगठन है, जो ईरान और कुछ मध्यपूर्व देशों की सहायता से इज़रायल का नामोनिशान मिटाने के लिए युद्ध कर रहा है। उसने विगत 10 वर्ष से गाज़ा पट्टी पर कब्ज़ा किया हुआ है और लगातार उसने इज़रायल को चुनौती दी हुई है।
इज़रायल के खिलाफ अपनी गोरिल्ला कार्रवाइयों के क्रम में ही उसने इज़रायल की दक्षिण-उत्तर सीमा पर 7 अक्तूबर, 2023 को गोरिल्ला हमला किया था, जिसमें उसने सीमा के निकट लगभग 1200 इज़रायलियों को मार दिया था, जिनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इसके अतिरिक्त लगभग 250 इज़रायली लोगों को बंधक बनाकर हमास के लड़ाके अपने साथ गाज़ा पट्टी क्षेत्र में ले गए थे, जहां उन गोरिल्लाओं ने पिछले दशकों में प्रत्येक तरह के हथियार जमा किए हुए थे। इसके बाद इज़रायल ने पहले गाज़ा पट्टी पर भीषण बमबारी करके उसके बहुत-से हिस्से को तबाह कर दिया था और बाद में टैंकों द्वारा उस पर ज़मीनी हमला भी कर दिया था। गाज़ा पट्टी क्षेत्र समुद्र से घिरा हुआ है। उसकी कुछ सीमा इज़रायल तथा मिस्र के साथ भी लगती है। इज़रायल ने इस पट्टी की पूरी तरह घेराबंदी करके वहां फिलिस्तीनियों का जीना मुश्किल कर दिया था। अमरीका तथा अन्य देशों की मध्यस्थता के कारण दोनों देशों में महीने भर के लिए युद्ध विराम अवश्य हुआ था। इस दौरान जहां इज़रायल ने गाज़ा पट्टी से अपनी घेराबंदी छोड़ने से इंकार कर दिया था, वहीं दूसरी ओर हमास लड़ाकों ने इज़रायल के शेष रहते बंधकों को रिहा करने से इंकार कर दिया था, जिस कारण यह अस्थाई समझौता भी टूट गया था। अब इज़रायल ने पुन: हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यह घोषणा की है कि वह हर हाल में हमास लड़ाकों को गाज़ा पट्टी से निकाल कर ही दम लेंगे और इज़रायली बंधकों को रिहा करवाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
ऐसी स्थिति में फिलिस्तीनियों का दुखांत और भी गहरा हो गया है, क्योंकि इज़रायल ने गाज़ा पट्टी के उत्तरी, केन्द्रीय व दक्षिणी हिस्सों को हवाई हमलों का निशाना बनाया है, इनकी ज़द में आने से फिलिस्तीनियों का क्षरण हो रहा है। समाचारों के अनुसार अब तक 18 माह से चलते आ रहे इस युद्ध में 50 हज़ार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। गाज़ा पट्टी का आधारभूत ढांचा पूरी तरह तबाह हो चुका है। आज घटित हो रहे इस महादुखांत के दृष्टिगत संयुक्त राष्ट्र तथा इससे संबंधित विश्व के बड़े देशों का यह फज़र् बनता है कि वे अपने प्रभावशाली यत्नों से इस युद्ध को समाप्त करने के लिए पूरा ज़ोर लगा दें, ताकि घटित हो रहे इस मानवीय दुखांत को हर हाल में रोका जा सके और इस बेहद जटिल मामले का कोई संतोषजनक समाधान ढूंढा जा सके, नहीं तो यह भीषण युद्ध विश्व भर के लिए बड़े ़खतरे में बदल सकता है।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द