बिहार:सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखेगा चुनाव आयोग
पटना, 09 अक्टूबर चुनाव आयोग ने गुरुवार को स्पष्ट किया है कि बिहार में प्रभावी आदर्श आचार संहिता के प्रावधान पारंपरिक प्रचार माध्यमों के साथ सोशल मीडिया और इंटरनेट पर साझा की जा रही सामग्रियों पर भी लागू होंगे।चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में आज कहा गया है कि चुनावी माहौल को दूषित होने से रोकने के लिये सोशल मीडिया पोस्ट्स पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। आयोग ने चेतावनी दी है कि आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को निर्देश दिया है कि वे चुनाव प्रचार के दौरान केवल नीतियों, कार्यक्रमों और अतीत के कार्यों के आधार पर ही आलोचना करें। किसी भी पार्टी या नेता के निजी जीवन के ऐसे पहलुओं को प्रचार में शामिल करने से बचने की हिदायत दी गई है, जो उनकी सार्वजनिक गतिविधियों से संबंधित नहीं हैं।
साथ ही आयोग ने असत्यापित आरोपों और तोड़-मरोड़कर पेश किये गये तथ्यों के आधार पर किसी भी दल या उसके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचने की सख्त सलाह दी है।
चुनाव आयोग ने तेजी से उभरती तकनीकों, विशेषकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के संभावित दुरुपयोग को लेकर ङ्क्षचता जाहिर की है और राजनीतिक दलों को डीप फेक और एआई जनित सामग्री का उपयोग कर झूठी या भ्रामक सूचना फैलाने से परहे•ा करने को कहा है।अगर कोई एआई या डिजिटल सामग्री चुनाव प्रचार में इस्तेमाल की जा रही है, तो उसे स्पष्ट रूप से'एआई जनित','डिजिटल रूप से संवर्धित', या'कृत्रिम सामग्रीÓजैसे लेबल के साथ प्रमुखता से चिन्हित करना अनिवार्य होगा।आयोग ने यह भी बताया कि आदर्श आचार संहिता के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। इसके किसी भी तरह के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी। इन आचार संहिताओं को लागू करने के पीछे आयोग का उद्देश्य है कि चुनाव स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपन्न हो।