एसोसिएशन फार डैमोक्रेटिक रिफार्म के सर्वेक्षण में खुलासा

चंडीगढ़, 4 मई (विक्रमजीत सिंह मान) : पंजाब के 17 फीसदी मतदाता ऐसे हैं जो चुनावों के दौरान शराब, पैसे व उपहार लेकर वोट डालते हैं जबकि 80 फीसदी मतदाता पार्टियों या उम्मीदवारों द्वारा दिए जाने वाले गलत करार देते हैं। इस बात का खुलासा आज चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए एसोसिएशन फार डैमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) व आर.ए. एस्टरिस्क कम्प्यूटिंग एंड डाटा साल्यूशंस (आर.ए.सी.) संस्थाओं द्वारा किया गया। उन्होंने दावा किया कि उनके द्वारा यह सर्वेक्षण पंजाब की 13  लोकसभा सीटों के लगभग 6500 मतदाताओं के साथ की बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है और इस विभिन्न उम्र, धर्म, जाति, लिंग व शहरी-ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल थे। जसकीरत  सिंह व परविंदर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण के दौरान लोगों से चुनावों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सवाल-जवाब किए गए थे जिसके आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में जहां मतदाताओं से मौजूदा सरकारों के शासन संबंधी सवाल पूछे गए वहीं उनके द्वारा वोट डालने के स्वभाव का और ज़िम्मेवारी संबंधी सवाल भी किए गए। उन्होंने बताया कि यह सर्वेक्षण 57 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों व 43 फीसदी शहरी क्षेत्रों में 75 फीसदी पुरुषों व 25 फीसदी महिला मतदाताओं से किए सवाल के आधार पर किए गए हैं। सर्वेक्षण के अनुसार पंजाब के 17 फीसदी मतदाताओं के लिए पैसे, शराब व उपहार काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं जबकि 52 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि उन्हें ऐसी घटनाओं की जानकारी है जहां मतदाताओं को वोट के बदले कई प्रकार के लालच दिए जाते रहे हैं। इस सर्वेक्षण से यह बात भी सामने आ गई है कि पंजाब में मतदाताओं को चुनावों दौरान शराब, पैसे व उपहार देकर बहकाना आम बात है। इस सर्वेक्षण में लोगों की सरकार से उम्मीदों बारे भी सवाल किए गए थे जिस दौरान यह सामने आया कि जहां शहर में नौजवानों का रोज़गार महत्वपूर्ण मुद्दा है वहीं पंजाब के गांवों में कृषि ऋण बड़ा मुद्दा माना जा रहा है। 98 फीसदी मतदाता आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को करते हैं नापसंद : इस सर्वेक्षण के एक और पक्ष में यह भी सामने आया है कि 98 फीसदी मतदाता लोकसभा या विधानसभा चुनावों में ऐसे उम्मीदवारों को पसंद नहीं करते जिनका संबंधी किसी आपराधिक घटना से जुड़ा हो। सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को नापसंद करने के बावजूद 39 फीसदी मतदाता ऐसे उम्मीदवारों को इसलिए वोट डालते हैं क्योंकि वह उम्मीदवार मतदाता की जाति या धर्म से संबंधित होता है।