हिमाचल में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों हेतु 10 फीसदी आरक्षण लागू


शिमला, 11 जून (अ.स.) : हिमाचल सरकार ने प्रदेश में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के गरीबों के लिए दस फीसदी आरक्षण लागू कर दिया है। मंत्रिमंडल के फैसले के बाद सरकार ने आरक्षण लागू करने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश में सालाना चार लाख तक की आमदन वाले गरीबों को दस फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। आय के साथ-साथ अन्य किसी भी प्रमाण पत्र के फर्जी पाए जाने के बाद सरकार दोषी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करेगी। आय के साथ-साथ सरकार ने इसकी अन्य शर्तों को भी अधिसूचित किया है। आरक्षण पाने गरीब परिवार के पास गांव में एक हैक्टेयर तथा शहर में 500 वर्ग मीटर से अधिक भूमि नहीं होनी चाहिए। हालांकि चुनावी आचार संहिता लागू होने से पहले जयराम सरकार ने भी इसे सैद्धांतिक तौर पर लागू करने का निर्णय लिया था। मगर बीते दिनों हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गरीबों को मिलने वाले आरक्षण पर चर्चा के बाद सरकार ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार की अधिसूचना के मुताबिक प्रदेश के सरकारी विभागों, बोर्डों व निगमों में सीधी भर्ती से होने वाली भर्ती में आरक्षण लागू होगा। आरक्षण प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के सभी पदों पर लागू होगा। बाकायदा सरकार ने इसे लेकर आरक्षण रोस्टर भी तय किया है। आरक्षण पाने वाले गरीबों के परिवार की कुल सालाना आय चार लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। आय प्रमाण पत्र जारी करने को डीसी, एडीएम, एडीसी, एसडीएम व राजस्व अधिकारी को अधिकृत किया गया है। 
10 फीसदी आरक्षण के तहत खाली पद पर भर्ती के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को आवेदन की अंतिम तारीख खत्म होने से पहले प्रमाण पत्र जारी करना होगा। नियुक्ति करने वाले अधिकारी प्रमाण पत्रों की जांच करेंगे। केंद्र व राज्य सरकार के नियमित, अनुबंध अथवा दैनिक भोगी कर्मचारियों के परिजन आरक्षण लेने के पात्र नहीं होंगे। साथ ही आय की गणना के वक्त कृषि, व्यापार, वेतन व प्रोफेशन से होने वाली आय भी गिनी जाएगी। गांव अथवा शहर में 25 सौ वर्ग मीटर से छोटा मकान होने पर ही आरक्षण का लाभ मिलेगा। अधिसूचना के मुताबिक 10 फीसदी आरक्षण के तहत जिन भी पदों के लिए आवेदन मांगे जाएंगे उनका बैकलॉग नहीं होगा।