मजदूरों की कमी के कारण किसान धान की बुवाई के लिए महंगी मशीनें खरीदने को मजबूर

जंडियाला मंजकी, 23 जून - (सुरजीत सिंह जंडियाला) - प्रवासी मजदूरों पर निर्भर पंजाब के किसान इस बार धान की बुवाई के सीजन में मजदूरों के कम आने के कारण परेशान हैं। दूसरी तरफ, जितनी भी लेबर दूसरे राज्यों से आई है उनकी तरफ से भी धान की बुवाई का प्रति एकड़ मनमर्जी का दाम वसूला जा रहा है। राजनीतिक नेता और किसान पिन्दा समरा ने कहा कि धान की फसल लगाने वाली लेबर के द्वारा किसानों से 2400 रुपए से तीन हजार रुपए तक लिये जा रहे हैं। किसानों की मजबूरी का फायदा उठाते यह दाम कई बार 3500 रुपए तक भी पहुंच जाते है। उन्होंने कहा कि लेबर की ओर से आटा, राशन और रिहायश की भी मांग की जाती है। मजदूरों की कमी के कारण स्थानीय  थाबलके रोड पर खेती करते किसान कमल जौहल ने धान की बुवाई के लिए हरियाणा से धान की फसल लगाने वाली मशीन खरीदी गई है। उन्होंने कहा कि ढाई लाख रुपए से अधिक के मूल्य की इस मशीन द्वारा लगाए गए धान की फसल कितना झाड़ देती है यह तो समय ही बतायेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि धान की बुवाई के लिए मशीन के पीछे दो व्यक्ति साथ-साथ चलते हैं क्योंकि कई बार मशीन द्वारा पनीरी को कददू की खेत की मिट्टी में गहराई में बीजने की बजाय पानी पर ही छोड़ दिया जाता है।