भारत-पाक के अड़ियल रवैये से सिख समुदाय खफा

अमृतसर, 24 जून (सुरिन्दर कोछड़): करतारपुर गलियारे बारे आपसी समझौते की शर्तों व नियमों को लेकर भारत-पाक सरकारों के मध्य बने मतभेदों का असर गलियारे के निर्माण पर भी पड़ सकता है तथा इस सबको लेकर के देश-विदेश के सिख समुदाय ने भारी एतराज़ जताया है। भारत पाकिस्तान के सिख समुदाय का कहना है कि दोनों देशों की सरकारें में आपसी राजनीतिक रंजिश से ऊपर उठ कर जल्दी गलियारे के निर्माण को पूरा करवाएं ताकि संगत गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर बिना किसी परेशानी के गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकें। पाक द्वारा गलियारा खोलने के लिए जारी की गई नई शर्तों तथा नियमों व भारत द्वारा उन पर किए विरोध के चलते गलियारा शुरू होने में नई मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं। भारत का कहना है कि यह गलियारा बिना विलम्ब खुलना चाहिए ताकि संगत को कोई परेशानी न आए जबकि पाकिस्तान द्वारा यह गलियारा सप्ताह में 3-4 दिन के लिए खोले जाने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही भारत का यह भी कहना है कि किसी भी यात्री को अकेले या समूह में जाने की इजाज़त होने चाहिए, जबकि पाक की शर्तें है कि सिर्फ 15 यात्रियों के समूह को ही आने की मंजूरी होगी। पाक सरकार अनुसार गलियारे द्वारा भारत जाने वाले यात्रियों को विशेष परमिट/वीज़ा द्वारा आने की मंजूरी होगी तथा उन्हें यात्रा फीस भी देनी होगी। जबकि भारत लगातार यह यात्रा फीस लेने की शर्त को नकारता आ रहा है। बताया जा रहा है कि पाक का कहना है कि प्रवेश (एंट्री) फीस का भुगतान करने उपरांत यात्री पाकिस्तानी क्षेत्र में दाखिल होंगे तथा लगभग एक किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद बस टर्मिनल से बसों द्वारा गुरुद्वारा साहिब के बाहर इमीग्रेशन में पहुंचेंगे, जबकि भारत का कहना है कि यात्रियों को गुरुद्वारा साहिब तक पैदल जाने की भी मंजूरी दी जाए। उधर पाक के संघीय योजना मंत्री मखदूम खुसरो ने कहा है कि गलियारे तथा अंतिम पड़ाव का निर्माण पूर्ण होने पर भारत तथा विश्व के अन्य भागों से श्री करतारपुर साहिब के गलियारे से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों हेतु प्रतिदिन 7 से 10 हज़ार श्रद्धालु सिख नतमस्तक होने के लिए पहुंच सकेंगे। उनके अनुसार उक्त सभी प्रोजैक्ट पर कुल 300 करोड़ रुपए अनुमानित लागत आने की संभावना है तथा पाक सरकार विदेशों से आने वाले प्रत्येक यात्री से 20 यू.एस. डालर (भारतीय करंसी मुताबिक 1398 तथा पाकिस्तानी करंसी मुताबिक 3120 रुपए) यात्रा फीस लगाने पर विचार कर रही है जबकि स्थानीय लोगों से बहुत कम फीस  ली जाएगी।