गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में विश्व का सबसे विशाल गुरु खंडा स्थापित

अमृतसर, 14 अक्तूबर (सुरिंदर कोछड़): पाकिस्तान के ज़िला नारोवाल में करतारपुर गलियारा के चल रहे निर्माण के चलते गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के साथ गुरु नानक देव जी के खेतों में विश्व का सबसे विशाल खंडा व गुरुद्वारा साहिब में 150 से 200 फुट तक ऊंचा निशान साहिब स्थापित किया जा रहा है, जो भारतीय सीमा डेरा बाबा नानक से भी स्पष्ट दिखाई देगा। ‘अजीत समाचार’ से फोन पर यह जानकारी साझा करते हुए पाकिस्तानी खोजकर्ता शाहिद शबीर ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब के पास जहां गुरु खंडा स्थापित किया गया है, उसके पास ही गुरु साहिब के खेतों में संगत के लंगर के लिए आर्गेनिक फसलें व सब्ज़ियां लगाई गई हैं। शबीर ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब में संगत के स्नान के लिए अत्याधुनिक डिज़ाइन वाला जो सरोवर स्थापित किया गया है, इससे पहले इस प्रकार का सरोवर विश्व के किसी भी गुरुद्वारा साहिब में नहीं बनाया गया होगा। उन्होंने बताया कि सरोवर के एक लाख 25 हज़ार गैलन जल को तीन प्रकार से फिल्टर किया जाएगा, जिससे जल बिल्कुल साफ होने के साथ-साथ बैक्टीरिया रहित होगा और इसमें किसी प्रकार की फंगस नहीं बनेगी। पाक के सांसद व संसदीय सचिव महिन्द्रपाल सिंह ने बताया कि दरिया रावी पर 800 मीटर लम्बे पुल, ज़ीरो प्वाइंट से गुरुद्वारा साहिब व आसपास की 6.08 किलोमीटर लम्बी सड़क, गुरुद्वारा साहिब के 10 एकड़ के दायरे वाले प्रांगण में संगमरमर लगाने, बार्डर टर्मिनल, लंगर हाल, सराय, दो मंज़िला दर्शनी ड्योढ़ी, लंगर भवन, मुसाफिरखाना, अजायब घर, लाइब्रेरी, प्रशासनिक ब्लाक, शौचालय, सीवरेज, पानी सप्लाई व निकासी, गैस लाइन व बिजली की तारों की फिटिंग आदि का काम लगभग मुकम्मल कर लिया गया है और निर्माण का रहता कार्य अगले 8-10 दिन में मुकम्मल कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि डिवैल्पमैंट आफ करतारपुर कोरिडोर प्रोजैक्ट के  28 दिसम्बर को शुरू किया गया गलियारा का निर्माण जोकि तीन वर्ष से अधिक समय में मुकम्मल किया जाना था, को विभिन्न कंस्ट्रक्शन कम्पनियों के 70 से अधिक ठेकेदारों, इंजीनियरों व हज़ारों मज़दूरों ने निर्विघ्न तीन शिफ्टों में दिन-रात जारी रखकर 9 माह में लगभग मुकम्मल कर लिया है। महिन्द्रपाल सिंह के अनुसार डेरा बाबा नानक सीमा से दूरबीन के ज़रिये गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के खुले दर्शन-ए-दीदार का विशेष प्रबंध करते हुए भारतीय सीमा की ओर किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए लंगर घर में प्रशादे बनाने के लिए दो आटोमैटिक प्लांट भी लगाए जा रहे हैं ताकि लंगर वितरित करते समय किसी प्रकार की परेशानी न हो।