मुस्लिम लिव-इन रिलेशनशिप के अधिकार का दावा नहीं कर सकते - इलाहाबाद हाई कोर्ट

लखनऊ, 9 मई- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने फैसला सुनाया है कि मुसलमान लिव-इन रिलेशनशिप के अधिकारों का दावा नहीं कर सकते क्योंकि इस्लाम किसी विवाहित व्यक्ति के लिए लिव-इन रिलेशनशिप की अनुमति नहीं देता है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति एके श्रीवास्तव की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के निवासी स्नेहा देवी और मोहम्मद शादाब खान की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वे लिव-इन रिलेशनशिप में हैं लेकिन महिला के परिवार ने शादाब के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का आरोप लगाया था कि उसने उनकी बेटी का अपहरण कर उससे शादी कर ली थी।