सिद्ध साहिब कहते थे हरिके झील को करेंगे विकसित

हरिके पत्तन, 14 फरवरी (रितू कुन्द्रा) : प्रवासी पक्षियों के स्वर्ग के तौर पर जानी जाती हरिके झील अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है और सर्दी के मौसम में मेहमान बन कर आते प्रवासी पक्षियों का नज़ारा देखने लिए देश-विदेश से सैलानी आते है लेकिन झील प्रति सरकारों की अनदेखी के कारण सैलानियों में निराशा पैदा करती है। झील के मुख्य मामले सतलुज दरिया का प्रदूषित पानी, झील के क्षेत्र में लगातार फैल रही कलाली बूटी इसकी सुन्दरता पर ग्रहण बने हुए है। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के सुपनमई जल बस प्रोजैक्ट के कारण हरिके झील सैलानियों की विशेष खींच का केन्द्र बन गई थी और झील के दिन अच्छे आने की संभावना नज़र आई लेकिन कांग्रेस सरकार बनने के बाद कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्ध  ने हरिके पहुंच कर इस जल बस को पक्की ब्रेक लगा दी, जिस कारण झील प्रति सैलानियों यहां आने कम हो गए। बस को ब्रेक लगाने के मौके नवजोत सिंह सिद्ध  ने यहां अकाली सरकार के इस प्रोजैक्ट की निंदा की थी वहीं हरिके झील को विकसित करने के बड़े ऐलान कर दिए थे। 17 जून 2017 को यह ऐलान किया गया था और आठ महीने गुजर जाने के बावजूद भी ऐलान पूरे नहीं हुए। झील ने और विकसित तो किया होना था बल्कि पहले से चल रहे कार्यो पर भी ब्रेक लग गई। सैर सपाटा विभाग द्वारा झील के विभिन्न क्षेत्रों में करोड़ों की लागत से कई प्रोजैक्ट शुरू किए गए थे जो मुकंमल होने के नज़दीक थे, पर भी ब्रेक लग गई। सरकार के वायदे खोखले साबित हो रहे है और झील को विकसित करने का सरकार का ऐलान भी ऐलान बन कर ही रह गया। जंगली जीव व वन विभाग हरिके भी कई मुश्किलों से गुज़र रहा है। सबसे बड़ी बात है कि झील की सुरक्षा के लिए सबसे ज्यादा मोटरबोड की जरूरत होती है जो इस समय विभाग के पास चालू हालत में कोई भी नहीं है और विभाग मांग कर समय पास कर रहा है। कुछ दिन पहले विभाग द्वारा शुरू किए गए घडियाल प्रोजैक्ट तहत ब्यास दरिया में घडियाल छोडे गए थे और इनकी रक्षा लिए दिन रात विभाग द्वारा गश्त लिए कर्मचारियों की डियूटियां लगाई गई थी लेकिन मोटरबोट खस्ता हालत होने कारण विभाग ने डब्लयू. डब्लयू.एफ. की मोटरबोट व इंजन सैर सपाटा विभाग से मांगा हुआ है। जंगली जीव विभाग हरिके इस मुश्किल आगे बेबस हुआ पड़ा है क्योंकि विभाग के पास अपनी चार मोटरबोट व आठ इंजन थे जो गत तीन वर्षो से बेकार पड़े हुए है। हरिके झील किनारे खस्ता हालत पड़ी मोटरबोट सरकार के दावों की हवा निकाल रही है। हरिके झील जो कि 86 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है और यह तीन ज़िलों के साथ लगती है और इनते बड़े क्षेत्र की मोटरबोट के बिना सुरक्षा करना संभव नही। समय की सरकारों ने इस झील को सुन्दर बनाने लिए ऐलान किए लेकिन अबी तक यह ऐलान पूरे नहीं हो सके।