सूफी गायकी रूह की खुराक : सिद्ध बहनें

जालन्धर, 19 फरवरी (हरविंदर फुल्ल) : गायन शैली कोई भी हो, संगीत बढ़िया होना चाहिए, जो रूह को सुकून दे, सूफी गायकी रूहानियत को बयां करती हैं। ये विचार प्रकटावा अपने संक्षिप्त जालन्धर दौरे के दौरान ‘अजीत भवन’ पहुंची सूफी गायक बहनों डोली सिद्ध और रूप सिद्ध  ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गायकी हमारे खून में है, क्योंकि हमारी माता गुरजीत कौर एक अच्छी शास्त्रीय गायक हैं। डोली सिद्ध ने बताया कि उनकी गायकी को सुनने के उपरांत प्रशंसकों ने सूफी म्यूज़िकल ग्रुप बनाने की सलाह दी। उन्होंने इस सलाह पर अमल करते हुए अपनी बड़ी बहन रूप सिद्ध से मिलकर एक म्यूज़िकल ग्रुप बनाया, जिसने आज तक अपने श्रोताओं की झोली कई यादगारी गीतों से भरी, जिनमें एक अभी जारी हुआ है ‘सपना’ रूप सिद्ध  ने कहा कि उसने फिल्मों और टीवी सीरियलों में भी काम किया है, परंतु जो सुकून उसको सूफी गायकी से मिला है, वह अन्य कहीं नहीं मिला।