स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाना अनिवार्य करे आईसीएसई बोर्ड : एनसीपीसीआर

नई दिल्ली, 10 जून (भाषा): राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आईसीएसई बोर्ड से कहा है कि वह अपने तहत आने वाले सभी स्कूलों को एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाने के लिए निर्देश दे, क्योंकि दूसरे प्रकाशनों की किताबों की वजह से बच्चों और अभिभावकों को अतिरिक्त आर्थिक और मानसिक बोझ का सामना करना पड़ता है। आयोग ने आईसीएसई बोर्ड का संचालन करने वाली संस्था को भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (सीआईएससीई) को कुछ दिनों पहले ही नोटिस जारी किया है। एनसीपीसीआर के सदस्य (शिक्षा एवं आरटीई) प्रियंक कानूनगो ने बताया कि सीबीएसई में समान मूल्यांकन नीति को लेकर हमने जो समस्या पाई थी तकरीबन वही समस्या आईसीएसई बोर्ड के तहत आने वाले कई स्कूलों में भी मिली है। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें आई हैं कि एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाने की अनिवार्यता नहीं होने से बहुत सारे स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाई जा रही हैं, इससे बच्चों और उनके अभिभावकों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं और उन्हें अतिरिक्त मानसिक दबाव का भी सामना करना पड़ता है। कानूनगो ने कहा कि इसको देखते हुए हमने सीआईएससीई को नोटिस जारी किया है।  अगर इसे लागू नहीं किया जाता है तो फिर इसके पदाधिकारियों को समन भी किया जा सकता है।