कनाडा व भारत में नशीले पदार्थ सप्लाई करने वाले 4 तस्कर काबू

जालन्धर, 17 जून (एम.एस. लोहिया): काऊंटर इंटैलीजैंस की टीम ने कैनेडियन तस्कर सहित 4 ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है, जो अनोखे ढंग से कोरियर के ज़रिये कनाडा व भारत के विभिन्न प्रदेशों में नशीले पदार्थ सप्लाई करते थे। इन व्यक्तियों से 4 किलो 750 ग्राम केटामाईन (महंगा रसायन) व 6 किलो अफीम बरामद हुई है। गिरफ्तार किये व्यक्तियों की पहचान दविन्द्र निरवाल उर्फ देव (68) मूल वासी गंगानगर, राजस्थान, हाल वासी गुरबख्श सिंह नगर, खन्ना, गुरबख्श सिंह (50) पुत्र परगट सिंह वासी गांव काठे, बुलोवाल, होशियारपुर, अजीत सिंह (45) पुत्र हरजिन्द्र सिंह व तरलोचन सिंह (42) पुत्र हरजिन्द्र सिंह वासीयान गांव जैतेवाली, पतारा, जालन्धर के तौर पर हुई है। ए.आई.जी. काऊंटर इंटैलीजैंस एच.पी.एस., खख को टोरांटो, कनाडा में रह रहे कमलजीत सिंह चौहान बारे ठोस जानकारी मिली थी कि वह अपने साथी दविन्द्र देव के ज़रिये भारत से नशीले पदार्थ मंगवाता है। बड़े स्तर पर नशा तस्करी करने वाले देव की तलाश में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो व इन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट की टीमें भी लगी हुई थीं। ए.आई.जी. एच.पी.एस. खख की निगरानी में काऊंटर इंटैलीजैंस की टीम, जालन्धर देहाती के सी.आई.ए. स्टाफ की टीमों ने जंडूसिंघा के हरीपुर टी प्वाइंट नज़दीक कार्रवाई करते हुए 2 कारों में 7 बड़ी कड़ाहियां लेकर जाते देव व उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया। कोरियर द्वारा नशीले पदार्थ भेजने के अनोखे ढंग का हुआ खुलासा : जांच टीम को पता लगा कि बड़े लंगर तैयार करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कड़ाहियों को देव ने मालेरकोटला से विशेष आर्डर पर तैयार करवाया है। इन कड़ाहियों की खासियत यह थी कि एक कड़ाही में दूसरी कड़ाही को इस ढंग से फिट किया गया था कि बाहर देखने में यह एक कड़ाही ही लगती थी। इन दोनों कड़ाहियों के मध्य नशीले पदार्थ रखे गए थे। इन कड़ाहियों को कोरियर ज़रिये कनाडा भेजा जाता था। पिछले वर्ष आए कमलजीत ने रची थी साजिश : ए.आई.जी. खख ने बताया कि जांच दौरान पता लगा है कि पिछले वर्ष शीत ऋतु में कमलजीत सिंह चौहान भारत आया था। उस समय कमलजीत ने देव से मिल कर कनाडा में नशा तस्करी करके भेजने की साजिश रची थी। इस साजिश में इन्हाेंने अजीत सिंह को भी शामिल कर लिया। बाद में अजीत सिंह ने अपने ट्रक ड्राइवर भाई तरलोचन सिंह व मामा के लड़के गुरबख्श सिंह को भी शामिल कर लिया। नशीले पदार्थ कोरियर करने के लिए गुरबख्श सिंह का नकली पहचान पत्र तैयार किया गया था, जिसके ज़रिये यह सामान कोरियर करते थे। देव व अजीत सिंह तस्करी करके भेजने के लिए भारत से केटामाईन व अफीम का प्रबंध करते थे।पहले भेज चुके थे अफीम की 2 खेपें : जांच दौरान यह भी पता लगा है कि इस गिरोह ने पहले 2 बार इस ढंग से कनाडा में अफीम भेजी है। एक बार इन्होंने 6 किलो व दूसरी बार 14 किलो अफीम की सप्लाई की है। इसकी सफलता पूर्वक सप्लाई लेने के बाद कमलजीत ने केटामाईन सप्लाई करने की मांग की थी। यह मांग पूरी करने के लिए अजीत सिंह ने मालेरकोटला से 14 कड़ाहियां विशेष आर्डर पर तैयार करवाईं। अजीत सिंह स्वयं वैलिडग का काम जानता होने के कारण उसने इन 2-2 कड़ाहियों को जोड़ कर  इस ढंग से तैयार किया कि देखने में यह 7 कड़ाहियां लग रही थीं। इनमें छुपाने के लिए उत्तर प्रदेश के रामपुर व मध्य प्रदेश से केटामाईन अफीम मंगवाई गई थी। नशीले पदार्थों की तस्करी से तैयार किया व्यापारिक प्लाज़ा : ए.आई.जी. खख ने जानकारी दी कि गिरफ्तार किये 4 व्यक्तियों के अलावा कमलजीत सिंह चौहान के खिलाफ भी मुकद्दमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच दौरान पता लगा है कि देव ने नशीले पदार्थों की सप्लाई से हुई कमाई के साथ जयपुर में लगभग 6 हज़ार वर्ग फुट का एक व्यापारिक प्लाज़ा व अन्य जायदाद बनाई है। देव को नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में पटियाला पुलिस ने वर्ष 2011 में गिरफ्तार किया था। देव गुजरात कांडला पोर्ट से कंटेनरों के ज़रिये लगभग 5 किवटल केटामाईन की कनाडा के लिए तस्करी कर चुका है। अजीत सिंह भी पहले हैरोइन की तस्करी करता रहा है, जो सितम्बर 2017 में जेल में बंद था। जेल से बाहर आने के बाद वह देव के साथ मिलकर नशीले पदार्थों की सप्लाई करने की साज़िश में शामिल हो गया।