रेलवे ड्राइवर बनना चाहते थे ओम पुरी

मुंबई, 17 अक्तूबर (वार्ता) : भारतीय सिनेमा जगत में अपने दमदार अभिनय और संवाद शैली से ओमपुरी ने लगभग तीन दशक तक दर्शकों को अपना दीवाना बनाया है लेकिन कम लोगों को ही पता होगा कि वह अभिनेता नहीं बल्कि रेलवे ड्राइवर बनना चाहते थे। हरियाणा के अंबाला में 18 अक्टूबर 1950 को जन्मे ओम पुरी  जिस मकान में रहते थे उसके पीछे एक रेलवे यार्ड था। रात के समय ओमपुरी अक्सर घर से भागकर रेलवे यार्ड में जाकर किसी ट्रेन में सोने चले जाते थे। उन दिनों उन्हें ट्रेन से काफी लगाव था और वह सोचा करते थे कि बड़े होने पर वह रेलवे ड्राइवर बनेंगे। कुछ समय के बाद ओमपुरी अपने ननिहाल पंजाब के पटियाला चले आये जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इस दौरान उनका रूझान अभिनय की ओर हो गया और वह नाटकों में हिस्सा लेने लगे। इसके बाद ओम पुरी ने खालसा कॉलेज में दाखिला ले लिया। इस दौरान वह कॉलेज में हो रहे नाटकों में हिस्सा लेते रहे। यहां उनकी मुलाकात हरपाल और नीना तिवाना से हुई जिनके सहयोग से वह पंजाब कला मंच नामक नाट्य  संस्था से जुड़ गए। लगभग तीन वर्ष तक पंजाब कला मंच से जुड़े रहने के बाद ओमपुरी ने दिल्ली में राष्ट्रीय नाट््य विद्यालय में दाखिला ले  लिया। इसके बाद अभिनेता बनने का सपना लेकर उन्होंने पुणे के फिल्म संस्थान में दाखिला ले लिया। ओमपुरी ने अपने सिने करियर की शुरुआत वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से की।