राजस्थान, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के हाथ


नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (भाषा) : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ में अपने दम पर बहुमत हासिल कर लिया है, वहीं राजस्थान में सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े के करीब पहुंचती दिख रही है जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा के साथ उसका कांटे का मुकाबला चल रहा है। उधर, तेलंगाना में टीआरएस ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए सत्ता में दोबारा वापसी कर ली है, तो मिजोरम में एमएनएफ ने कांग्रेस से राज्य की सत्ता छीन ली है। चौंकाने वाले नतीजे में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 15 साल से चल रहे रमन सिंह के शासन का अंत कर दिया है, वहीं राजस्थान में भी वह सत्ता में वापसी करने की राह पर है। राजस्थान में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लोकसभा की सभी 25 सीटों पर जीत हासिल की थी। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और उन्होंने कहा कि वह भाजपा के खराब प्रदर्शन की ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हैं। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को सिंहासन का सेमीफाइनल कहा जा रहा था। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में भाजपा और कांग्रेस दोनों को 41.4 फीसदी मत मिले हैं। सत्ता विरोधी लहर से जूझ रहे तीन बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी सीट से चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनकी सरकार के दर्जन भर मंत्री कांग्रेस उम्मीदवारों से पीछे चल रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि रुझान मध्य प्रदेश में बदलाव के लिए लोगों की इच्छा को दर्शाते हैं जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार बनाएगी। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने जयपुर में कहा कि रुझान दर्शाते हैं कि कांग्रेस राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत की ओर बढ़ रही है। हमें विश्वास है कि यह रुझान समूचे देश में जारी रहेगा। राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं, लेकिन अलवर की रामगढ़ सीट से बसपा उम्मीदवार की मृत्यु की वजह से वहां चुनाव स्थगित हो गया। राज्य में कौन मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला करने के लिए कांग्रेस जयपुर में विधायक दल की बैठक करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सलाह-मशविरा करने के बाद पार्टी राज्य में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी घोषणा करेगी। तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) लगातार दूसरी बार अपनी सरकार बनाएगी। वहां पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है। टीआरएस ने 88 सीटों पर जीत हासिल कर ली है। ये नतीजे मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की लोकप्रियता पर मुहर लगाते हैं। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने राज्य की 40 सीटों में से 26 सीटें जीतकर राज्य में साधारण बहुमत हासिल कर लिया है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर में एकमात्र राज्य जहां कांग्रेस सत्ता में थी, वह भी उसके हाथ से निकल गई। राज्य में कांग्रेस को पांच सीटें मिली हैं।
 मिजोरम के मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार ललथनहवला सेरछिप और चंपई दक्षिण दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं।