श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रावत

अमृतसर, 20 जनवरी (गगनदीप शर्मा) : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंदर सिंह रावत ने आज श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक होकर सरबत के भले की अरदास की। इस दौरान उन्होंने श्री गुरु रामदास जी लंगर हाल में संगत के बीच बैठकर श्रद्धापूर्वक लंगर खाया और फिर जूठे बर्तन धोने की सेवा भी की। उपरांत परिक्रमा करते हुए सिख इतिहास बारे विस्तारपूर्वक जानकारी हासिल की। इस दौरान उनके साथ पारिवारिक सदस्य और उत्तराखंड के काशीपुर से सिख विधायक हरभजन सिंह चीमा भी मौजूद थे। पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिखों का इतिहास बलिदान से भरा पड़ा है जो उन्होंने अपनी खातिर नहीं बल्कि देश व धर्म की सुरक्षा हेतु दिया। उन्होंने कहा कि आज इस धार्मिक स्थल पर दर्शन करने की मेरी इच्छा पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि मैंने अरदास की है कि हमारा इतिहास भाईचारे का इतिहास है, यह हमेशा इसी तरह बना रहे। इसी दौरान उन्होंने देहरादून-अमृतसर के मध्य चलाई गई सीधी उड़ान बारे बात करते हुए कहा कि इस उड़ान का जहां दोनों राज्यों के लोगों को फायदा मिलेगा तो वहीं पर्यटन भी पहले के मुकाबले और अधिक प्रफुल्लित होगा। गुरद्वारा ज्ञान गोदड़ी साहिब, हरिद्वार वाली ऐतिहासिक जगह शिरोमणि कमेटी को सौंपने की मांग बारे पूछने पर वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके और उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए अपनी बात समाप्त कर दी। सूचना कार्यालय में पहुंचने पर मुख्यमंत्री रावत को शिरोमणि कमेटी के सचिव मंजीत सिंह बाठ, मैनेजर जसविंदर सिंह व अन्य सदस्यों द्वारा श्री हरिंमदिर साहिब का सुनहरी मॉडल, सिरोपा, दोशाला व धार्मिक पुस्तक देकर सम्मानित किया गया।