जीरा में लॉकडाऊन हटते ही तेजी संभव

नई दिल्ली, 26 मार्च (एजेंसी): गुजरात की ऊंझा मंडी से लेकर राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में तीन सप्ताह का लॉकडाऊन चालू है। लॉकडाऊन तथा मार्च क्लोजिंग की वजह से ऊंझा मंडी पहले ही 2 अप्रैल तक बंद रहने की घोषणा की जा चुकी है। आगामी समय में जब भी लॉकडाऊन हटेगा, उसके तुरंत बाद जीरे में तेजी आने की संभावना नजर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाऊन लगाए जाने की सार्वजनिक घोषणा की है। इतना ही नहीं, उन्होंने इसका कड़ाई से पालन कराए जाने का भी संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है। इससे पूर्व भी गुजरात समेत अन्य कई प्रमुख राज्य सरकारों ने अपने यहां लॉकडाऊन लागू कर दिया था। मार्च क्लोजिंग तथा लॉकडाऊन की वजह से ऊंझा मंडी पहले ही 2 अप्रैल तक बंद रहने की घोषणा हो चुकी थी। इससे पूर्व ऊंझा मंडी में नई फसल के जीरे की आवक बढ़कर करीब 80-85 हजार बोरियों की होने के बाद इसकी आवक थोड़ी घटकर 70/75 हजार बोरियों की आवक होने की जानकारी मिली थी। नमी एवं क्वालिटी के आधार पर 2520/2560 रुपए प्रति 20 किलोग्राम के बीच बिकते सुना गया था। हाल ही में इसमें 30/40 रुपए की मंदी आई थी। देश और विदेशों में कोराना वायरस की दहशत बनी होने के बाद भी लॉकडाऊन लागू होने से पूर्व भी घरेलू बाजारों में आयातकों की हल्की-फुल्की सक्रियता देखी गई बनी हुई थी। उधर, गुजरात कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार चालू सीजन की अभी तक की अवधि में कुल 4,87,800 हेक्टेयर में जीरे की बुआई हुई है। बीते सीजन की आलोच्य अवधि में इसकी 3,47,500 हेक्टेयर में बिजाई हो चुकी थी। इससे पता चलता है कि इस बार अभी तक जीरे की बुआई में अभी तक 40.37 प्रतिशत का उछाल आया है। विशेषज्ञों ने कुछ समय पहले आशंका जताई थी कि राजस्थान में बेशक इस बार जीरे की बुआई बीते सीजन के लगभग बराबर हो जाए लेकिन गुजरात में इसमें 15-20 प्रतिशत की कमी आने की प्रबल आशंका थी।