सुनील जाखड़ की नई ज़िम्मेदारी
भाजपा की ओर से पंजाब में लोकसभा-2024 चुनावों के दृष्टिगत भारी सक्रियता दिखाई जा रही है। प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में तीन-तीन केन्द्रीय मंत्रियों की ड्यूटियां लगाई गई हैं तथा वे केन्द्र सरकार की ओर से जन-कल्याण के लिए चलाई गई योजनाओं पर हो रहे क्रियान्वयन पर दृष्टिपात करने तथा अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने हेतु भी सक्रियता से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा द्वारा पंजाब में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए भी निरन्तर यत्न किये जा रहे हैं। इस उद्देश्य के लिए ही भाजपा की ओर से कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों से आये बहुत-से वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में शामिल किया गया है।
अब इसी लक्ष्य के दृष्टिगत भाजपा हाईकमान ने पंजाब भाजपा का नेतृत्व श्री सुनील जाखड़ को सौंप दिया है। श्री सुनील जाखड़ लगभग एक वर्ष पूर्व ही भाजपा में शामिल हुये थे, परन्तु बहुत जल्द ही वह प्रदेश में उच्च पद तक पहुंच गये हैं। वैसे राजनीति में श्री सुनील जाखड़ किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वह कांग्रेस के प्रसिद्ध नेता श्री बलराम जाखड़ के सुपुत्र हैं तथा पंजाब कांग्रेस के 2017 से 2021 तक अध्यक्ष रहे हैं। अबोहर विधानसभा क्षेत्र से वह 2002 से 2017 के समय के दौरान तीन बार विधानसभा चुनाव जीते थे। पंजाब विधानसभा में वह विपक्ष के नेता भी रहे हैं। उन्होंने गुरदासपुर से 2017 में हुये लोकसभा के उप-चुनाव में भी जीत हासिल की थी।
आम तौर पर भाजपा में ऐसे नेता को ही बड़ा पद दिया जाता है जिसकी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ वाली पृष्ठभूमि हो या लम्बे समय तक उसने भाजपा या भाजपा के साथ संबंधित संगठनों में काम किया हो। शायद पंजाब में यह पहली बार हुआ है कि किसी दूसरी पार्टी में से आये नेता को बहुत जल्द भाजपा की पंजाब इकाई का नेतृत्व दिया गया है। इसके पीछे भाजपा हाईकमान की यह समझ हो सकती है कि पंजाब की ऐसी स्थितियों में पार्टी को मज़बूत करने और कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अकाली दल को 2024 के चुनावों में टक्कर देने के लिए श्री सुनील जाखड़ अच्छे नेता साबित हो सकते हैं। वह भाजपा में दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को भी साथ लेकर चल सकेंगे और कांग्रेस तथा दूसरी पार्टियों के अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी भाजपा के साथ जोड़ सकते हैं। जहां तक भाजपा के पुराने नेताओं का संबंध है, भाजपा हाईकमान को इस बात का विश्वास हो सकता है कि उनमें से चाहे कुछ नेता श्री सुनील जाखड़ को प्रधान बनाने पर नाराज़ हो सकते हैं, परन्तु भाजपा एक बहुत अनुशासित पार्टी है और उसमें हाईकमान के फैसलों को विशेष महत्व दिया जाता है। इसी कारण भाजपा के पुराने नेताओं द्वारा भी श्री सुनील जाखड़ को प्रधान बनाये जाने का अधिक विरोध नहीं होगा।
नि:संदेह पंजाब भाजपा का प्रधान बनाए जाने के साथ श्री सुनील जाखड़ पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी आ गई है। अब यह आने वाले समय में ही देखा जाएगा कि वह पंजाब भाजपा को संगठित तौर पर और कितना मज़बूत करते हैं और राज्य के आम लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए क्या कदम उठाते हैं। यह भी देखा जाएगा कि वह पार्टी को 2024 के चुनावों के लिए किस तरह और किस हद तक तैयार करने में सफल होते हैं।