कीचड़बाज़ी की कला 

कीचड़ उछालिए। अजी! जमकर कीचड़ उछालिए। कीचड़ उछालने का अपना आनंद है। पहले रंगों के अभाव में होली पर कीचड़ उछाला जाता था लेकिन आजकल कीचड़ उछालने के लिए होली के त्योहार का इंतजार करने की ज़रूरत नहीं है। जब जी में आये, तब कीचड़ उछाला जा सकता है। सर्दी हो, गर्मी हो या बरसात, जब जी में आए तब कीचड़ उछालिए। अपना अपना कीचड़ छांटिए और उछाल दीजिए।
कीचड़ की महिमा न्यारी है। अब कीचड़ पर सिर्फ और सिर्फ सूअरों, भैंसों और कमल का ही अधिकार नहीं है। कीचड़ अब ग्लोबल हो चुका है। हर कोई कीचड़ उछालने के लिए स्वतंत्र है। चुनावी सीजन में राजनेता एक-दूसरे पर कीचड़ उछालते हैं। राजनीति और राजनेताओं का प्रिय शगल है कीचड़ उछालना।
कीचड़ को आप सामान्य नहीं मानें। कीचड़ अति विशेष है। यदि आपको सुर्खियों में रहना है तो कीचड़ उछालना सीखिए। कीचड़ का अपना संसार है। कीचड़ ही असली बहार है। कीचड़ ही असली प्यार है। शेष सब बेकार है। राजनीति में कीचड़ गतिशीलता पैदा करता है। बिना कीचड़ के राजनीति के रंग फीके पड़ जाते हैं। कीचड़ राजनीति को नया रंग चढ़ाता है। कीचड़ से तनिक भी डरो नहीं। हाथों में उठाओ और जहां मन चाहे पटक डालो, जिस पर मन चाहे पटक डालो।  अजी! कीचड़बाजी एक कला है। यह हुनर है जो आदमी की प्रसिद्धि में चार चांद लगाता है। कीचड़बाजी राष्ट्रीय कर्म है। नहीं ये शर्म है। राजनीति का असली धर्म है। कीचड़ में गरमा-गरमी है। इसलिए कीचड़ को अधिकाधिक प्रोत्साहित करने की ज़रूरत है। कीचड़ उछालकर ख्याति प्राप्त की जा सकती है। कीचड़ से राजनीति की जंग जीती जा सकती है। इसलिए कीचड़बाजी में दक्ष होना आज की राजनीति की अनिवार्य शर्त है, शेष सब गर्त है।  एक अच्छा व दक्ष कीचड़बाज अनेक गुणों से लैस होता है। जैसे अंतर्राष्ट्रीय कीचड़बाज होने के लिए गजभर लंबी ज़ुबान होना अति आवश्यक है। एक अच्छा कीचड़बाज सुनने वालों के इंटरेस्ट यानी कि उनकी रूचियों का सदैव ध्यान रखता है कि वे सुनना क्या चाहते हैं? वह सफेद झूठ को पूरे कांफिडेंस से आडियंस के सामने उछालता है। एक दक्ष कीचड़बाज दाग धब्बों, मैल, कालिख की तनिक भी परवाह नहीं करता। वह होली की परवाह नहीं करता। किसी भी दिन कहीं भी, कभी भी कीचड़ उछाल सकता है। एक दक्ष कीचड़बाज कीचड़ के प्रति सदैव कृतसंकल्पित होता है। वह पिटने की परवाह नहीं करता और न ही इस बात की परवाह करता है कि लोग क्या कहेंगे? वह जानता है कि ‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना...!’ हाल फिलहाल, आप चाहें तो आप हमारे इस आर्टिकल पर भी कीचड़ उछाल सकते हैं। आपको कीचड़ उछालने की पूरी छूट है। गुस्ताखी म़ाफ।